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छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा 26 नवंबर के बाद हो सकती है….

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा 26 नवंबर के बाद हो सकती है। हाई कोर्ट में चुनाव को लेकर याचिका की सुनवाई 26 नवंबर को होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह ने न्यू सर्किट हाउस में रायपुर संभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर चुनाव की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की। चुनाव के लिए मतदान दलों के गठन एवं रूट चार्ट तैयार करने और चुनाव में तैनात किये जाने वाले कर्मचारियों के प्रशिक्षण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। ठाकुर राम ने कहा कि बैलेट पेपर छापने के लिए सरकारी और प्राइवेट प्रेस का इस्तेमाल किया जाएगा। बैलेट पेपर छपने में कोई देरी नहीं होगी। इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव के बैलेट में पहली बार नोटा को शामिल किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्धारित मापदंडों के अनुरूप संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचार का निर्देश दिया।

सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य निर्वाचन आयोग के नियमों, प्रावधानों की जानकारी एवं नियम प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्थानीय निर्वाचन के दौरान शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों एवं राजनीतिक दलों से चुनाव आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।नामांकन भरने की अवधि में सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर सभी दिन नामांकन जमा होगा। अभ्यर्थियों के नामांकन रद्द होने की स्थिति में कारण का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना आवश्यक होगा। कार्यशाला में उप निर्वाचन आयुक्त एसआर बांधे, सचिव जिनेविवा किंडो, उप सचिव (पंचायत) संतोष देवांगन, उप सचिव नगरीय निकाय दीपक अग्रवाल और संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर सहित सहायक निर्वाचन अधिकारी उपस्थित थे। नगरीय निकायों के आम निर्वाचन में चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को ऑफलाईन के साथ ऑनलाईन नामांकन की सुविधा मिलेगी।

ऑनलाईन नामांकन के लिए अभ्यर्थी को मोबाइल नंबर देना होगा। इस बार अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय के संबंध में नामांकन तिथि के दिन पृथक से खाता खोलना होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रशिक्षण में बताया कि तीन लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले नगर निगम के लिए पांच लाख रूपए तीन लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम के लिए तीन लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई है। नगर पालिका क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख और नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए 50 हजार की व्यय सीमा निर्धारित की गई है। चुनावी व्यय के आंकलन के लिए निकाय में व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति होगी। एक निर्वाचन व्यय संपरीक्षक को पांच से आठ वार्डों के लेखा जांच की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभ्यर्थी को निर्वाचन में हुए समस्त व्यय का पृथक लेखा निर्वाचन की तारीख से 30 दिन के अंदर अधिसूचित अधिकारी के पास जमा करना अनिवार्य है।

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