बैकुण्ठपुर मुख्यालय के समीप आनी में 23 फरवरी को तृतीय चरण का चुनाव हुआ, जिसमें भारी लापरवाही देखने को मिली। बता दें कि, आनी में कुल चार पाॅलिंग बूथ था जो कि, 23 फरवरी को 7 बजे से चुनाव होना था परंतु पाॅलिंग बूथ कर्मचारियों की लापरवाही से काफी देरी से चालू किया गया। वहीं चारों मतदाता केन्द्रों में वार्ड पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला सदस्य का चुनाव हो रहा था। बता दें कि, कई चुनाव चिंह एक सा दिखने के कारण लोगबाग भ्रमित हो गये। साथ ही पाॅलिंग बूथ कर्मचारियों के द्वारा चुनाव में लापरवाही भी की गई। जानकार सूत्र बताते है कि, लोगों को पहला वार्ड के व्यक्तियों को तीसरे वार्ड का चुनाव चिन्ह थमा दिया गया था जो मतदाता पढ़ सकते थे उन्होंने उनकी गलती बताई परंतु जो मतदाता अनपढ़ थे वह अपने वार्ड का नहीं है यह जान नहीं सके और दूसरे वार्ड में मतदान करके चले आये। अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? लोगों में चर्चा है कि, अगर यही स्थिति चारों मतदाता केन्द्रों में हुई होगी तो यह किस प्रकार का चुनाव हुआ ?
प्रशासन की लापरवाही से गांव में अज्ञानता
बता दें कि, प्रशासन के द्वारा आनी गांव में चुनाव को लेकर किसी भी प्रकार की जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया था जिस कारण लोग चुनाव चिन्ह में मोहर लगाने की जगह अपना अंगूठा लगाकर चले आये जिससे बहुत से वोट रिजेक्ट हो गये। साथ ही उन प्रत्याशियों का हार का सामना करना पड़ा जो कि, उनकी वोट बहुतायद में रिजेक्ट हो गयी। तथा 5 साल के लिए उनकी पद अन्य प्रत्याशी को मिल गया। यह किसकी जिम्मेदारी बनती है ? क्या गांव के पक्ष में प्रशासन को कोई उचित कदम नहीं उठाना चाहिए ? इससे साबित होता है कि, यहां चुनाव नहीं लोकतंत्र की हत्या हुई है। चुनाव अधिकारी एवं रिटर्रिंग आॅफिसर इस पर संज्ञान में ले।