छत्तीसगढ़ में भाजपा ने नगरीय निकाय की तैयारी के साथ-साथ कोर्ट जाने की भी प्लानिंग की है। प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में पूर्व मंत्री व नगरीय निकाय चुनाव प्रदेश प्रभारी अमर अग्रवाल ने कहा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार अलोकतांत्रिक प्रक्रिया अपना रही है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। हमेशा प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में जनता का सीधा जुड़ाव होता है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने पराजय के भय से सिर्फ लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया है। पार्टी कोर्ट जाने पर विचार कर रही है।
इसमें सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश और बैलेट से चुनाव कराने के मुद्दे को लेकर याचिका दायर की जाएगी। इसकी रूपरेखा एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही भाजपा ने उम्मीदवार चयन के लिए संभागीय और जिला कमेटी का गठन कर दिया है। आम राय बनाकर पार्टी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है। वहीं, मोर्चा प्रकोष्ठ प्रभारी रामप्रताप सिंह ने संगठन चुनाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्षों के चुनाव से पहले पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। इसमें चुनाव की रूपरेखा तैयार की जाएगी। प्रदेश में 16 से 30 नवंबर के बीच जिलाध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया जाएगा। एक राय बनाने के लिए पार्टी के आला पदाधिकारियों की रायपुर में बैठक होगी। प्रमुख कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा।
मीडिया में प्रवक्ता भेजने का उठा मुद्दा बैठक में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया में प्रवक्ता नहीं भेजने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इससे पाट सरकार धान खरीदी पर अपनी नाकामी छिपाने बहाने तलाश रही है। कांग्रेस को चुनाव से पहले किए अपने घोषणा पत्र का हर वादा पूरा करना होगा। साथ ही किसानों के एक-एक दाना भी धान खरीदना होगा। धान खरीदी को लेकर प्रदेश सरकार की नीति किसान विरोधी है। अब जब किसानों के धान खरीदने की बारी आई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केवल आम लोगों का ध्यान भटका कर प्रदर्शन के नाम पर बहाना ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस सरकार को धान खरीदी को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ हमारी लड़ाई सदन से सड़क तक जारी रहेगी। रेत का अवैध उत्खनन, वनों की कटाई को लेकर सरकार का मौन कई सवालों को जन्म देता है।