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मुख्यमंत्री बने जोगी कांग्रेस……..

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छत्तीसगढ़ की इन 10 सीटों पर सबकी नजर

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस और बसपा के गठबंधन ने दोनों ही दलों के समीकरण बुरी तरह प्रभावित किए हैं। राज्य में मतदान हो गया है और 11 दिसंबर को सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो रही है। ऐसे में इन 10 सीटों के परिणामों पर सभी की नजरें रहेंगी…

राजनांदगांव : राज्य में सबसे रोचक मुकाबला राजनांदगांव सीट पर ही है। यहां मुख्यमंत्री रमनसिंह के सामने कांग्रेस ने अटलजी की भतीजी करुणा शुक्ला को उतारा है। ऐसे में देशभर की नजरें इस सीट के परिणामों पर लगी हुई हैं। कांग्रेस की एकजुटता के कारण रमनसिंह और भाजपा को इस सीट पर पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा पसीना बहाना पड़ा है।

मरवाही : पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता अजीत जोगी की वजह से मरवाही चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस सीट को अजीत जोगी का गढ़ कहा जाता है और 18 साल से यहां जोगी परिवार का ही कब्जा है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने जोगी कांग्रेस से मरवाही विधानसभा उप चुनाव-2001 जीतकर विधानसभा में पहुंचे। इसके बाद 2003 और 2008 में भी यहां से चुनाव जीता। यहां से भाजपा ने
प्रत्याशी अर्चना पोर्ते और कांग्रेस ने गुलाब सिंह राज को चुनाव मैदान में उतारा है।

पाटन : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल पाटन से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने ही भतीजे विजय बघेल से होता रहा है। इन दोनों के बीच तीन बार मुकाबला हो चुका है। इसमें से दो बार चाचा की जीत हुई है तो एक बार भतीजा जीता है। भाजपा ने इस बार मोतीलाल साहू को मैदान में उतारा है। छत्तीसढ़ जनता कांग्रेस ने यहां से शकुंतला साहू को चुनाव मैदान में उतारा है।

कोटा : अजीत जोगी की पत्नी और कांग्रेस विधायक रेणु जोगी इस बार यहां से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है। वे दो बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से विधायक चुनी जा चुकी हैं। इस बार कांग्रेस ने यहां से विभोर सिंह को पार्टी उम्मीदवार बनाया है।

बिल्हा : छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक की प्रतिष्ठा बिल्हा सीट पर दांव पर लगी हुई है। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक सियाराम कौशिक को जोगी प्रेम के चलते पार्टी से बाहर कर दिया। वे इस बार यहां से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय होगा।

सक्ती : छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की साख सक्ती विधानसभा सीट पर दांव पर लगी हुई है। इस हाईप्रोफाइल सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। महंत के खिलाफ भाजपा ने मेघाराम साहू को मैदान में उतारा है। अजित जोगी और बसपा का गठबंधन होने से सक्ती सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।

रायपुर दक्षिण : यह सीट रायपुर की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है। यहां भाजपा के कद्दावर नेता और कृषि मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल की साख दांव पर लगी हुई है। मतदान का प्रतिशत कम होने के कारण भी इस सीट पर लोगों की उत्सुकता बनी हुई है। कांग्रेस ने यहां से कन्हैया अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा है।

कोंटा : सुकमा जिले की कोंटा सीट को भी राज्य की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक माना जा रहा है। कोंटा से कांग्रेस के विधायक कवासी लखमा पिछले तीन चुनावों में यहां जीत दर्ज करते हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए राज्य में सत्ता विरोधी लहर के बीच इस सीट पर जीत दर्ज करने की एक मुश्किल चुनौती है।

बिलासपुर : 1998 से लगातार इस सीट से विधायक चुने जा रहे अमर अग्रवाल रमन सिंह सरकार में कद्दावर मंत्री माने जाते हैं। सीट हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है। कांग्रेस की और से शैलेश पांडेय इस चुनाव में उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं।

खरसिया : चुनाव से पहले कलेक्टर की नौकरी छोड़ भाजपा में आए ओपी चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के उमेश पटेल से है। कांग्रेस का गढ़ रही खरसिया सीट पर मुकाबला तगड़ा है और विधानसभा चुनाव 2019 में यह सबसे ज्यादा हॉट सीट मानी जा रही है।

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