नरसिंहपुर : सांसद चौ. दर्शन सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला विकास एवं निगरानी समिति- दिशा की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दूसरे दिन शिक्षा, खनिज, एनटीपीसी, सड़क परिवहन व राजमार्ग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मंडी से संबंधित एवं अन्य विभागों के कार्यों, योजनाओं व उनके क्रियान्वयन और अभियानों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नीलेश काकोड़िया, विधायकद्वय श्री विश्वनाथ सिंह पटेल व श्री महेन्द्र नागेश, श्री रामसनेही पाठक, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष सहित समिति के सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, डीएफओ श्री लवित भारती, सीईओ जिला पंचायत श्री दलीप कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
सांसद श्री सिंह ने मंडी सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि जिले की मंडियों में अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों के लिए विश्राम गृह खुले रहें। किसानों के लिए कैंटीन चालू रहे। जिस उपज की दर राज्य शासन द्वारा निर्धारित की गई है, उसी दर पर खरीदी हो। जिले में प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले किसानों का सम्मान जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया जाये। जिले में गन्ने की फसल का विक्रय करने वाले किसानों को जो भुगतान अभी नहीं हुआ है, वह भुगतान किया जाये। गन्ने से बनने वाले विभिन्न उत्पादों की व्यापक स्तर पर ब्राडिंग की जाये।
बैठक में दिशा समिति के सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि राशन दुकानें समय पर नहीं खुलती हैं और सेल्समैन मौजूद नहीं रहते हैं। साथ ही निजी स्कूल संचालकों द्वारा अधिक दामों पर किताबें एवं स्कूल यूनिफार्म खरीदने अभिभावकों से कहा जाता है। इस पर सांसद श्री सिंह ने जिला आपूर्ति अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ अमले को निर्देशित किया कि राशन दुकानें खुलने का समय व दिन जो निर्धारित किया गया है, वह दुकानों के बाहर प्रदर्शित किया जाये। पात्र हितग्राहियों को समय पर राशन वितरण सुनिश्चित करें। बच्चों एवं अभिभावकों के हित में यह सुनिश्चित करें कि पाठ्य- पुस्तकों एवं यूनिफार्म आदि में मनमानी नहीं हो। इस संबंध में निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक आयोजित कर निर्देशित किया जाये। शासकीय विद्यालयों में बनने वाले मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता कैसी है, यह भी अभिभावक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि जाकर देखें।
एनएचएआई की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों एवं डायवर्सन मार्गों पर संकेतक एवं दिशा सूचक चिन्हों को लगाया जाये। ब्लैक स्पॉट का चिन्हांकन हो। विभिन्न विभागों में प्रस्तावित निर्माण कार्यों के भूमिपूजन में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाये। दिव्यांगों के लिए यूडीआईडी कार्ड बनाने एवं उन्हें सहायक उपकरण दिये जाने के लिए हर तीन माह में शिविरों का आयोजन किया जाये। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए नर्मदा नदी घाटों पर अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने एवं रेत खदानों का संयुक्त निरीक्षण पुलिस, राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा करने के निर्देश दिये।
बैठक के अंत में सांसद चौ. दर्शन सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को पूरा करने पर जोर दिया जाये।
नरवाई जलाने पर प्रतिबंध
उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध होगी कार्रवाई
नरसिंहपुर : वायु मंडल, पर्यावरण एवं भूमि की क्षति को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक हित में नरसिंहपुर जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में नरवाई जलाने की प्रथा पर तत्काल अंकुश लगाने के लिए जिला दंडाधिकारी नरसिंहपुर श्रीमती शीतला पटले ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत प्रतिबंध लगाया है। जनसामान्य को बाधा, क्षति, मानव जीवन स्वास्थ्य, क्षेम के खतरे के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए जिले की सीमाओं में खेत में खेड़े गेहूं के डंठलों (नरवाई) एवं फसल अवशेषों में आग लगाये जाने पर प्रतिबंध लगाया है। इस आदेश को 10 अप्रैल से दो माह की अवधि के लिए प्रभावशील किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
नरवाई में आग लगाने से भूमि में मौजूद माइक्रोब्ज की क्षति होती है। इसके साथ ही यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण विगत वर्षों में गंभीर अग्नि दुर्घटनायें घटित हुई हैं तथा व्यापक सम्पत्ति की हानि कारित हुई है। ग्रीष्म ऋतु में इससे जल संकट में बढ़ोत्तरी होती ही है, साथ ही कानून व्यवस्था के लिए भी विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं।
राज्य शासन के पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम के अंतर्गत जारी अधिसूचना के प्रावधानों के अनुपालन में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिसूचित किया गया है। मप्र में वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत नरवाई जलाना तत्समय से तत्काल प्रतिबंधित किया गया है, जो वर्तमान में निरंतर है। पर्यावरण विभाग द्वारा उक्त अधिसूचना के अंतर्गत नरवाई में आग लगान वालों के विरूद्ध क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। दो एकड़ तक के कृषकों को 2500 रुपये, दो से 5 एकड़ तक के कृषकों को 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से बड़े कृषकों को 15 हजार रुपये का अर्थदंड प्रति घटना का प्रावधान किया गया है।
जिला दंडाधिकारी नरसिंहपुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, सम्पत्ति व प्राकृतिक वनस्पति, जीवजंतु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यापक परिस्थितिक नुकसान होता है। खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते हैं, जिससे खेत की उर्वरा शक्ति शनै: शनै: घट रही है और उत्पादन प्रभावित हो रहा है। खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं, इन्हें जलाकर नष्ट करना प्राकृतिक खाद्य को नष्ट करना है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिले में कई कृषकों द्वारा रोटोवेटर व अन्य साधनों से गेहूं के डंठल खेत से हटाने के लिए साधन अपनाये जाने लगे हैं। अत: कृषकों के पास वैकल्पिक सुविधा जो कि जनहित में भी उपलब्ध हो गई है। नरवाई जलाने से भूमि की लवण सांद्रता प्रभावित होती है, जो पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण की दर निर्धारित करती है।
उल्लेखनीय है कि उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग नरसिंहपुर द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि जिले में फसल कटाई के पश्चात अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए बहुसंख्यक कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर फसल काटने के उपरांत भूमि में जड़ व डूढ (नरवाई) को नष्ट कर खेत साफ किया जाता है। इससे व्यापक अग्नि दुर्घटनायें होकर जन- धन की हानि होती है। इसे नरवाई में आग लगाने की प्रथा के नाम से भी जाना जाता है। नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाना जनहित में आवश्यक है, जिस पर जिला दंडाधिकारी द्वारा उक्त आदेश जारी किया है।
महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत अकुशल मजदूरी दर में संशोधन
नरसिंहपुर : ग्रामीण विकास मंत्रलाय भारत सरकार के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत अकुशल श्रमिकों को प्रदाय मजदूरी दर में संशोधन किया है। उक्त अधिसूचना के अनुसार मप्र में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत अकुशल स्त कर्मकारों की प्रतिदिन मजदूरी की दर 261 रुपये निर्धारित की गई है। यह मजदूरी दर एक अप्रैल 2025 से प्रभावशील होगी।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी नरेगा, जिला पंचायत नरसिंहपुर श्री दलीप कुमार ने जिले की सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे नवीन संशोधित मजदूरी दर का व्यापक प्रचार- प्रसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में कराया जावे। नवीन दर के अनुरूप ही योजनांतर्गत प्रचलित कार्यों पर नियमानुसार मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया जावे।
गिग/ प्लेटफार्म वर्कर्स का शतप्रतिशत पंजीयन करने चलाया जा रहा अभियान
नगरीय निकायों में 17 अप्रैल तक विशेष पंजीयन शिविर हो रहे आयोजित
सभी सीएससी एवं एमपी ऑनलाइन वर्कर्स का पंजीयन करने के निर्देश
नरसिंहपुर : कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने निर्देशित किया है कि ई- श्रम पोर्टल के अंतर्गत गिग/ प्लेटफार्म वर्कर्स का शतप्रतिशत पंजीयन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। प्लेटफार्म श्रमिकों को ई- श्रम पोर्टल पर संगठित एवं पंजीकृत करने के लिए जिले की निकाय स्तर पर 17 अप्रैल तक विशेष पंजीकरण शिविर आयोजित किये जायेंगे। इन शिविरों के समन्वय के लिए श्रम विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित किया गया है। कलेक्टर ने संबंधित नगर पालिका अधिकारी, प्रबंधक लोकसेवा, कॉमन सर्विस सेंटर, एमपी ऑनलाइन सेंटर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये हैं।
जारी आदेश के अनुसार गाडरवारा में 11 अप्रैल को, चीचली में 15 अप्रैल को, सांईखेड़ा में 16 अप्रैल को और सालीचौका में 17 अप्रैल को शिविर लगाये जायेंगे। शिविर के एक दिवस पूर्व मुनादी करवाने और सफलतापूर्वक गिग एवं प्लेटफार्म वर्कर्स को पंजीयन कराने के निर्देश दिये। पोर्टल पर फूड सप्लाई, वितरण सेवा, डिलीवरी बॉय, ऐसोसियट, डिलीवरी ड्राईवर, टेली कॉलर, कॉल सेंटर एसोशिएट, संदेश वाहक व वितरण, इलेक्ट्रॉनिक, होम एप्लाइंस सिर्वसकर्ता, केब- टेक्सी ड्राईवर्स, मोटर साइकिल, स्कूटर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स, माल वाहक के वाहन चालक, कस्टमर, कंपलेंट सर्विस ऑपरेटर, हाऊस कीपिंग सर्विस, ट्रांसक्रिप्शन राईटर/ एसोशिएट, फ्रीलांस सॉफ्टवेयर डेवलपर/ ऑपरेटर, फ्रीलांस एप/ ऑनलाइन एडुकेटर्स/ ट्यूटर्स का ई- श्रम का पंजीयन करना है।
जिले के सभी सीएससी एवं एमपी ऑनलाइन सेंटर विशेष तौरपर गिग एवं प्लेटफार्म वर्कर्स का पंजीयन अभियान की अवधि में प्राथमिकता से किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संगठित और असंगठित क्षेत्रों के साथ- साथ प्लेटफार्म श्रमिकों सहित सभी श्रेणियों के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम ई- श्रम पोर्टल है, जो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी वितरण के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस के रुप में कार्य करता है। सरकार की अर्थव्यवस्था में प्लेटफॉर्म वर्कर्स की महत्वपूर्ण भूमिका, सामाजिक सुरक्षा और व्यवस्था सेवा तक उनकी पहुंच से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए, भारत सरकार ने केन्द्रीय बजट 2025- 26 में प्लेटफॉर्म वर्कर्स को कवर करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के विस्तार की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, उन्हें ई-श्रम पर पंजीकृत किया जाएगा और पहचान पत्र प्रदान किये जायेंगे।
घोषणा को क्रियान्वित करने तथा प्रवाही क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर प्लेटफार्म श्रमिकों के पंजीकरण में तेजी लाना आवश्यक है। इसके मद्देनजर, निकाय स्तर पर शिविर आयोजित करके प्लेटफार्म श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर संगठित करने तथा पंजीकृत करने के लिए एक लक्षित विशेष अभियान शुरु करने का निर्णय लिया गया है। समय पर पंजीकरण से उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच आसान हो जाएगी, जिसमें उनके लिए एबी-पीएमजेएवाई योजना का तेजी से क्रियान्वयन भी शामिल है।