भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को देशभर में काफी धूमधाम के साथ मनाा जाता है. भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है. कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. कुछ राज्यों में यह गणेश उत्सव तीन दिन तक ही चलता और बाद में विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी को लेकर कई तरह की मान्यता हैं, जिनमें एक यह भी है कि उस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से पाप लगता है. मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति उस दिन चंद्रमा के दर्शन कर लेता है उस पर झूठा आरोप लगता है
मान्यताओं के मुताबिक, जब गणेश जी को हाथी का मुंह लगाया गया था उन्होंने पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा की, तो प्रथम पुज्य कहलाए. सभी देवताओं ने उनकी वंदना की, लेकिन तब चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहे. दरअसल, चंद्रमा को तब अपने सौंदर्य पर घमं हो गया था. बाकी देवताओं की तरह चंद्रमा ने गणेशजी की वंदना नहीं की तो गणेशजी को गुस्सा आ गया. गणेशजी ने गुस्से में आकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे. चंद्रमा को समझ आ गया कि उसने बड़ी भूल हो गई है. चंद्रमा ने माफी मांगी तो गणेशजी ने कहा कि जैसे-जैसे सूर्य की किरणें उन पर पड़ेंगी, चमक लौट आएगी.