नई दिल्ली: निर्भया के चारों दोषियों को फांसी अंतत: फांसी के फंदे पर लटका दिया। फांसी से पहले दोषियों का मेडिकल हुआ और फिर दोषियों को नहाने के लिए कहा गया लेकिन दोषियों ने मना कर दिया। इससे पहले दोषियों ने पूरी रात फांसी टालने की कोशिश और दिल्ली उच्च न्यायालय तक एप्रोच किया वहां से मायूस होने के बाद दोषी सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए और वहां भी उनकी अपील खारिज हो गई।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने निर्भया को दोषियों को फांसी की सजा देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: एक उदाहरण आज सेट किया गया है, लेकिन ऐसा पहले भी किया जा सकता था। अब लोगों को पता होगा कि उन्हें सजा दी जाएगी, आप तारीख बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको सजा मिलेगी। मैं आशा करती हूं कि अब उनको आत्मा को शांति मिलेगी। इन सात सालों में मैंने उसके परिवार को जूझते हुए देखा है।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने शवों को मोर्चरी में ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां से शवों को दीनदयाल उपाध्याय ले जाया जाएगा। फांसी के दौरान मौजूद अधिकारियों द्वारा कागजात पर हस्ताक्षर किए। पोस्टमॉर्टम के बाद मारे गए कैदियों की बॉडी का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार किया जाएगा। शव लेने से पहले, रिश्तेदारों को लिखित रूप में वचन देना होगा कि वे दोषी कैदियों के अंतिम संस्कार के संबंध में किसी भी प्रकार का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करेंगे। अब पुलिस अधीक्षक जिला मजिस्ट्रेट और डिप्टी से सलाह लेंगे।
चारों दोषियों का शव फांसी के फंदे से उतारा गया और उसके बाद डॉक्टरों की टीम सभी के इन शवों की जांच की जिसके बाद मेडिकल ऑफिसर ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। अब चारों दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम के अस्पताल ले जाया जाएगा।
निर्भया के चारों दोषी इस समय फांसी के फंदे पर झूल रहे हैं। इस समय उनका शरीर फांसी घर के कुएं में लटक रहा है जो आधे घंटे यानि 6 बजे तक लटके रहेंगे। कुछ देर बार डॉक्टर चैक करेंगे कि दोषियों की मौत हुई है कि नहीं। तिहाड़ जेल के बाहर लोग नारेबाजी करते हुए कह रहे हैं- निर्भया जिंदाबाद। लोग हाथों में पोस्टर लेकर न्यायपालिका को भी धन्यवाद कह रहे हैं।
निर्भया के पिता बोले- वो अंत तक लड़े हैं लेकिन हमारे वकील भी तो लड़ते रहे जो हर पल हमारे साथ रहे। दोनों तरफ से बराबरी की लड़ाई हुई और अंत में सत्य की जीत हुई। हम लोगों की जो सोच है उसके बाद हम अपने वकीलों और शुभचितंकों से मिलकर कानून में व्याप्त खामियों को निकालेंगे और फिर सरकार से मिलकर उन खामियों को दूर करने का आग्रह करेंगे। गलत हमेशा गलत ही होता होगा। आज ऐसे दोषियों के मन में डर पैदा होगा।
निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा बोली- जिस तरह की दरिंदगी इन चारों लोगों ने किया था ऐसा काम जानवर भी नहीं करते हैं। आज इन चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है जिसकी उन्हें सजा मिली है। इस केस से जुड़ा मेरा अनुभव अलग रहा। देर में ही सही लेकिन निर्भया को इंसाफ मिला। खुशी की बात ये है कि हम निर्भया को इंसाफ मिला। सभी की जिम्मेदारी है कि देश में इस तरह के दोषियों को फांसी की सजा मिले। दोषियों के वकील का व्यवहार कहीं से भी स्वीकार्य नहीं था।
दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद निर्भया की मां बोलीं- फाइनली उनको फांसी पर लटका दिया गया है। यह पहली बार है कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है। आज का दिन हमारी महिलाओं औऱ बच्चियों को के नाम है। आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज के दिन मैं सभी अदालतों, सरकारों और कानूनी लोगों को धन्यवाद देती हूं। जिस तरह से फांसी टालने की कोशिश हुई उसके बावजूद इन्ही कानूनी प्रक्रिया के तहत हमें न्याय मिला। आज मेरी बेटी को इंसाफ मिला और एक बार फिर देर से ही सही हमें इंसाफ मिला और सबका विश्वास न्याय व्यवस्था पर बना रहेगा। हमारा ये संघर्ष आगे भी जारी रहेगा कि हमारे देश में बच्चियों को न्याय मिले।
चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है। फांसी से पहले चारों दोषी अंत तक गिड़गिड़ाते रहे।