नोएडा के गौरव चंदेल का क़त्ल क्या महज़ एक हादसा था? गौरव चंदेल का कत्ल क्या दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय लुटेरों के कुख्यात गिरोह मिर्ची गैंग ने किया? क्या कत्ल का मकसद सिर्फ लूटपाट था? और क्या गौरव चंदेल के कत्ल की गुत्थी सचमुच सुलझ गई है? ये सवाल इसलिए हैं क्योंकि जिस नोएडा में गौरव चंदेल का कत्ल हुआ वही नोएडा पुलिस इन सवालों को लेकर चुप्पी साधे है. जबकि हापुड़ पुलिस दावा कर रही है कि उसने गौरव चंदेल के कातिल को पकड़ लिया है. ये कामयाबी वारदात के पूरे 20 दिन बाद मिली है.
आरुषि मर्डर मिस्ट्री के बाद नोएडा की दूसरी सबसे उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री के सुलझने को लेकर भी उलझन है. और इस उलझन की वजह भी वही सरहद की हद है, जो गौरव चंदेल के गायब होने के वक्त देखने को मिली थी. तब गौरव के घर वालों को पुलिस एक थाने से दूसरे थाने दौड़ा रही थी. अब केस सुलझाने को लेकर एक जिला पुलिस दावा कर रही है तो दूसरी शायद इस बात पे मुंह फुलाए बैठी है कि केस हमारा है तुम कैसे सुलझा लोगे?
दरअसल इस उलझन की शुरूआत होती है हापुड़ जिला के धौलाना थाना की तरफ से जारी इस प्रेस नोट से. इस प्रेस नोट में कहा गया है कि हापुड़ पुलिस ने एक मुखबिर की खबर पर 26 जनवरी को धौलाना के करीब मिर्ची गैंग के एक सदस्य उमेश को उस वक्त पकड़ा जब वो बाइक पर जा रहा था. उसके साथ बाइक पर एक महिला और बच्चा भी था. बाद में पता चला कि वो महिला मिर्ची गैंग के सरगना आशु की पत्नी पूनम है और बच्चा भी आशु का है.
हापुड़ पुलिस की प्रेस रीलिज के मुताबिक बाद में पूछताछ में उमेश ने बताया कि 6 जनवरी को नोएडा के गौरव चंदेल का कत्ल मिर्ची गैंग ने ही किया था और इस कत्ल और लूटपाट में वो भी शामिल था. बकौल हापुड़ पुलिस गौरव चंदेल रात करीब साढ़े दस बजे हिंडन विहार स्टेडियम के करीब सड़क किनारे अपनी कार रोक कर फोन पर बात कर रहे थे. उसी दौरान लुटेरे कार के करीब पहुंचे. इसके बाद गौरव को दो गोली मारी और उनकी कार लेकर मौके से फरार हो गए. हापुड़ पुलिस के मुताबिक गौरव चंदेल को जिस 32 बोर के पिस्टल से गोली मारी गई वो पिस्टल और उसके साथ तीन गोलियां भी उमेश से बरामद हो गई हैं.
पुलिस का दावा है कि गौरव के लैपटॉप को बरामद करने के लिए जब पुलिस टीम उमेश के साथ जा रही थी तभी रास्ते में उसने एक पुलिस वाले की सरकारी पिस्टल छीन कर गोली चलाते हुए भागने की कोशिश की. जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई जो उमश के पैर में लगी. इसके बाद उसे दोबारा गिरफ्तार इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
तो हापुड़ पुलिस की ये पूरी कहानी एक उमेश के बयान पर है. हापुड़ पुलिस उस पिस्टल को भी बरामद करने का दावा कर रही है जिससे गौरव चंदेल को गोली मारी गई. मगर खुद हापुड़ पुलिस का कहना है कि गौरव चंदेल के कत्ल का असली मास्टरमाइंड मिर्ची गैंग का सरगना आशु भाटी है. जो अभी फरार है. लेकिन इतना सब होने के बाद भी नोएडा पुलिस हापुड़ पुलिस के इस दावे को लेकर चुप्पी साधे हुए है. पर क्यों? क्या हापुड़ पुलिस के दावे में कोई झोल है या फिर बात कुछ और है?
आमतौर पर हापुड़ जैसी जगह पर पुलिस देर रात प्रेस कांफ्रेंस नहीं बुलाती. मगर 26 जनवरी को रात करीब साढ़े दस बजे हापुड़ पुलिस आनन-फानन में प्रेस क्रांफ्रेंस बुला कर ये खुलासा करती है कि उसने मिर्ची गैंग के एक बदमाश को गिरफ्तार कर ये पता लगा लिया है कि गौरव चंदेल का कत्ल मिर्ची गैंग ने ही किया है. और बस इसी प्रेस कांफ्रेंस के बाद नोएडा पुलिस चुप्पी साध लेती है.
हापुड़ पुलिस ने उमेश को 26 जनवरी को दिन में गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी की खबर नोएडा पुलिस को भी लग गई. फिर क्या था बीस दिन से कत्ल की गुत्थी सुलझाने में नाकाम नोएडा पुलिस को लगा कि चलो बिना हाथ-पैर मारे ही उसे कामयाबी मिल गई. नोएडा पुलिस चाहती थी कि हपुड़ पुलिस उमेश को उसे सौंप दे ताकि उसे नोएडा लाकर केस की कामयाबी का सेहरा खुद के सर बांध लें. मगर यहीं से गड़बड़ी की शुरूआत होती है.
गौरव चंदेल मर्डर केस पिछले बीस दिनों से मीडिया में सुर्खियों बनी हुई है. केस सुलझाने के लिए कई टीमें बनाई गईं हैं. हापुड़ पुलिस को भी इस केस की अहमीयत पता थी. लिहाज़ा उमेश को खामोशी से नोएडा पुलिस के हवाले करने के बजाए रात करीब साढ़े दस बजे हापुड़ पुलिस ने आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुला ली. देर रात इस तरह प्रेस कांफ्रेंस करने की वजह भी तैयार की गई. बताया गया कि उमेश नाम का मिर्ची गैंग का एक बदमाश पुलिस एनकाउंटर में घायल हुआ है. उसके पैर में दो गोलियां लगी हैं. और उसी उमेश ने खुलासा किया है कि गौरव चंदेल के कत्ल में मिर्ची गैंग का हाथ है.
इस तरह हापुड़ पुलिस ने उमेश के एनकाउंटर, गिरफ्तारी और गौरव चंदेल के कत्ल का खुलासा तीनों एक साथ कर दिया. और नोएडा पुलिस को इसकी जरा भी भनक नहीं लगने दी. नोएडा पुलिस के आला पुलिस अफसर अब कुद को ठगा महसूस कर रहे थे. बस इसी नारजागी के चलते नोएडा पुलिस फिलहाल गौरव चंदेल मर्डर केस के सुलझने या उलझने को लेकर चुप्पी साधे हुए है. नोएडा पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब नोएडा पुलिस इस कोशिश में है कि किसी तरह मिर्ची गैंग का सरगना आशु अगर उसके हाथ लग जाए तो कुछ इज्जत बच जाए. और इसी इंतजार में वो अभी गौरव चंदेल के कत्ल की गुत्थी सुलझा लेने का दावा करने से बच रही है. दूसरा नोएडा पुलिस उमेश के बयान पर आंख मूंद कर भरोसा करने की बजाए पहले केस की सारी कड़ियों को भी जोड़ लेना चाहती है. ताकि आगे फजीहत ना हो.
आशु जाट लुटेरों के जिस गैंग का सरगना है वो इस इलाके में मिर्ची गैंग के नाम से कुख्यात है. इस गैंग में कई और गुर्गे भी हैं जिनमें से ज़्यादातर का ताल्लुक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर इलाके से है. ये गैंग दिल्ली एनसीआर में वारदात को अंजाम देकर वापस अपने अपने इलाकों में लौट जाते हैं. यही वजह है कि पुलिस या तो इन तक पहुंच नहीं पाती. या फिर उसे इन तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. इनकी मॉडस ऑपरेंडी यानी वारदात को अंजाम देने का तरीका ये है कि ये या तो किराए की गाड़ी या ऑटो से किसी मॉल या पॉश इलाकों में घूमकर पहले रेकी करते हैं. और फिर जैसे ही इन्हें कोई अकेला आदमी नज़र आता है ये उसे टारगेट करते हैं.
वारदात को अंजाम देने वाला ये गैंग लाल मिर्च का पाउडर लेकर चलता है. किसी बहाने से बात की शुरुआत करने की कोशिश करते हैं. और जैसे ही कोई इनके जाल में फंस जाता है, ये उसकी आंखों में लाल मिर्च झोंक देते हैं. फिर उसे या तो ज़ख्मी कर के लूट लेते हैं. या फिर ये गैंग उसे अपहरण कर लेता है. या मार देते हैं. दिल्ली एनसीआर में पिछले कई सालों में मिर्ची गैंग ने ऐसी कई वारदातों को अंजाम दिया है. यही वजह है कि उमेश पर लूटपाट, अपहरण और हत्या के करीब एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं. और इस गैंग के बॉस यानी सरगना आशु जाट पर ऐसे 40 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं.