टीवी डेस्क. फिल्म ‘धमाल’ से फेम पाने वाले अभिनेता आशीष चौधरी की माने तो कॉमेडी करने के बाद, उन्हें उस जोन से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो गया था। हाल ही में वे सीरियल ‘बेहद 2’ में नज़र आ रहे हैं। अभिनेता ने अपने प्रोफेशनल लाइफ से जुडी कुछ बातें हमसे शेयर की।
आपने बेहद 2 क्यों चुना?
मैंने टेलीविजन पर किसी सामान्य शो की तलाश कभी नहीं की, जो आमतौर पर सास बहू या रोमांस ड्रामा होते हैं। मैं हमेशा कुछ ऐसा करना चाहता था जो भीड़ से अलग हो। किसी भी एक्टर के लिए खुद की एक लाइब्रेरी तैयार करना वाकई बढ़िया होता है, लेकिन इसके लिए उसे ऐसे किरदार करने होते हैं, जिन्हें याद रखा जाए, और मैं न सिर्फ ऐसे शोज करना चाहता हूं जो याद रखे जाएं बल्कि ऐसे किरदार भी निभाना चाहता हूं, जिन्हें मैं पीछे मुड़कर देखूं तो मुझे उन पर गर्व हो। मैंने हमेशा अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर वो काम किया है, जिसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी। इनमें कुछ फिल्में और टीवी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। यह शो भी ऐसा है, जिसकी मैंने अपने करियर के इस दौर में कभी उम्मीद नहीं की थी। यह एक बहुत मैच्योर रोल है, साथ ही बहुत ही चैलेंजिंग भी। मैं शिद्दत से यह मानता हूं कि यह एक यादगार रोल भी साबित होगा। मैं बेहद उत्साहित था कि मुझे इस तरह का ऑफर दिया गया और मैंने दिल से यह चुनौती स्वीकार कर ली, ठीक वैसे ही जैसे मैंने पूर्व में कुछ प्रोजेक्ट्स किए थे।
एमजे का किरदार निभाने के लिए आपने क्या खास तैयारियां कीं? ऐसी कौन-सी ऐसी बात है, जो एमजे के किरदार को दूसरों से अलग बनाती है?
एमजे के किरदार को बड़ी उम्र का होना जरूरी था, क्योंकि एक इंसान के रूप में वो ज्यादा मैच्योर है। मैं रियल लाइफ में ऐसा नहीं हूं, इसलिए मुझे सीन्स के अंदर और बाहर, इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़कर इस किरदार में घुसने की जरूरत है, जैसे कि यह किरदार कैसे बना? वो कहां से आया? मैंने कुछ प्रश्नों की लिस्ट बनाई थी, जैसे कि इस किरदार ने अमीर बनने के लिए क्या किया था? उसका व्यवसाय क्या है? वो कैसे ऊपर उठा? उसे क्या पसंद है? वो क्या खाता है? मैं आमतौर पर ऐसे ही कुछ सवालों के साथ किरदार की गहराई में उतरने की कोशिश करता हूं, जो कभी-कभी निर्माताओं को अटपटे लगते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि मुझे इस किरदार की शुरुआत से इसे जीना चाहिए। मुझे इसके बारे में बहुत कुछ समझना पड़ा, मानसिक और शारीरिक तौर पर भी। मुझे अपने शरीर पर भी काम करना पड़ा, क्योंकि एमजे बड़ी उम्र का आदमी है, लेकिन वो फिट है और उसकी उम्र के हिसाब से वह बेहद आकर्षक है। यह मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि मुझे एक ऐसे आदमी को दर्शाना था, जो महिलाओं को आकर्षित करता है और कोई भी उसके सामने खड़े होकर घबरा जाए। वो शहर के किसी भी आदमी से ज्यादा प्रभावशाली और ताकतवर है।
जेनिफर के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा, क्योंकि ऑफ स्क्रीन भी आप दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं?
सच कहूं तो जेनिफर और मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम एक शो में साथ काम करेंगे। हमने इस बारे में बात की थी और कहीं ना कहीं हमें हमेशा यह लगता था कि हमारी जोड़ी बनाना इतना आसान नहीं है। जेनिफर के बारे में मुझे सबसे अच्छी बात यह लगती है कि वो हमेशा अलग-अलग तरह की स्क्रिप्ट्स और प्रोजेक्ट्स की तलाश में रहती हैं, और मैं भी ऐसा ही करता हूं। बेशक, वो लंबे समय से टीवी पर हैं जबकि मैं फिल्में कर रहा था और वो इस क्षेत्र को मुझसे बेहतर जानती हैं, लेकिन मुझे इस लड़की की यह बात अच्छी लगती है कि वो अपने काम में समर्पित हो जाती है और डूबकर किरदार निभाती हैं। मुझे ऐसे कलाकार बहुत अच्छे लगते हैं जो अपने किरदार को इतना समय देते हैं। वो उस टाइप की नहीं हैं जिसे गपशप करने के लिए ब्रेक का इंतजार रहता है। वो अक्सर मुझे बुलाकर मुझसे चर्चा करती हैं कि हम इस शो में अपना सर्वश्रेष्ठ देकर इसे कैसे एक बढ़िया शो बना सकते हैं। वो बहुत मेहनती और खूबसूरत इंसान हैं और साथ काम करने के लिहाज से एक बढ़िया पार्टनर भी हैं।
आशीष चौधरी को अपने यादगार किरदारों के जरिए एक विशेष छाप छोड़ने के लिए जाना जाता है, तो ऐसे में बेहद में अपनी छाप छोड़ने के लिए आप क्या करने वाले हैं?
कॉम्प्लिमेंट का शुक्रिया, लेकिन अपनी छाप छोड़ना हर बार अच्छा नहीं होता। मैं फिल्म धमाल का हिस्सा बना था और इस फिल्म के बाद मुझे कॉमिक रोल से बाहर निकलने में बहुत मुश्किल हुई। हालांकि मुझे जो सम्मान और प्रशंसा मिली, उसके लिए मैं अपने दर्शकों का शुक्रगुजार हूं, लेकिन उस सांचे से बाहर आने में मुझे लंबा वक्त लग गया। इसके बाद मैंने जितनी भी फिल्में की थीं, उसमें मुझे कॉमिक रोल में ही लिया गया। मेरा परिवार 26/11 की त्रासदी से गुजरा और मैंने 4 साल का विराम ले लिया था। इसके बाद ही मैं अलग-अलग रोल्स में जा सका। मुझे लगता है कि इस गैप की वजह से ही मेरे लिए एक्टिंग के दूसरे क्षेत्र में जाना संभव हो सका। उसी समय मैंने कुछ कारणों से टेलीविजन में कदम रखा। अलग-अलग शोज के साथ मैंने पहले रोमांटिक जोन में और फिर एक्शन जोन में कदम रखा। कभी-कभी अपनी छाप छोड़ना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि आपका अगला रोल आपके पिछले रोल की तरह नहीं होता। मुझे उम्मीद है कि एमजे के अपने किरदार से मैंने एक कदम आगे बढ़ाया है और मेरा पिछला किरदार देव पीछे छूट गया है।
आशीष चौधरी और एमजे में कौन-सी बातें एक समान हैं?
आशीष और एमजे में कुछ भी समान नहीं है। यह ऐसा किरदार है जिसके जैसा मैं बुढ़ापे में कभी नहीं बनना चाहूंगा। मुझे लगता है कि यही इसकी सबसे रोमांचक बात है। इस किरदार में एक रहस्य है। यह रहस्य सिर्फ स्क्रिप्ट में नहीं है, बल्कि यह अक्सर मेरे सामने भी पैदा हो जाता है कि मैं इस किरदार को कैसे प्रस्तुत करूंगा, क्योंकि इस किरदार के बहुत-से रंग, बहुत-से बदलाव और अलग-अलग चेहरे हैं, जो मुझे आश्चर्य से भर देते हैं। यह न सिर्फ व्यक्तित्व के हिसाब से रहस्यमय किरदार है बल्कि अपने तरीकों से भी रहस्यमय है। निभाने के लिए यह बहुत अच्छा किरदार है लेकिन मैं असल जिंदगी में इस किरदार से बहुत दूर हूं।
इस शो की कौन-सी खूबी इसे दूसरे शोज से अलग बनाती है?
मुझे लगता है कि जिस तरीके से यह शो बनाया जा रहा है, वह इसे दूसरे शोज़ से अलग करता है। इस शो के प्रोड्यूसर्स दिग्गज हैं और शो की क्रिएटिव टीम भी दमदार है। इसके सेट भव्य हैं और हर किरदार को क्रिएटिव लुक दिया गया है। इसकी प्रोडक्शन डिजाइन और प्रस्तुति भी शानदार है। स्क्रिप्ट की बात करें तो यह वैसी बिल्कुल नहीं है, जैसी आप आमतौर पर टेलीविजन पर देखते हैं। मुझे खुशी है कि यह एक प्राइम टाइम शो है। मैं इस चैनल की तारीफ करूंगा कि उन्होंने एक ऐसा शो पेश किया, जो ढर्रे से अलग है और जिसे प्राइम टाइम पर सिर्फ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नहीं बनाया गया है। बेहद 2, कुछ नया, रोंगटे खड़े कर देने वाला और कुछ खूबसूरत पेश करने का एक ईमानदार प्रयास है। मुझे गर्व है कि मुझे ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका मिला, जिसमें ये सारी खूबियां हैं।