रायपुर। मसल्स बनाने के लिए स्टेरॉयड युक्त इंजेक्शन से युवक की मौत के बाद प्रदेश में जिम के संचालन के लिए नियम बनाए जाएंगे। विधानसभा में स्टेरॉयड इंजेक्शन की अवैध बिक्री का मामला उठने के बाद विस अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सरकार को नियम बनाने के निर्देश दिए हैं। विधायक अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से स्टेरायड इंजेक्शन के इस्तेमाल को लेकर जिम संचालक संदीप ठाकुर की मौत का मुद्दा उठाया। विपक्ष के विधायकों ने कहा कि स्टेरॉयड इंजेक्शन व हेल्थ सप्लीमेंट्स प्रोटीन पाउडर के संबंध में कोई नियम राज्य में नहीं है, जिसके चलते युवा अधिकाधिक उपयोग करके अपनी सेहत बिगाड़ रहे हैं। प्रतिबंधित दवाओं, स्टेरॉयड इंजेक्शन की बिक्री हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अनुपस्थिति में संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि संदीप सिंह ठाकुर रामकृष्ण अस्पताल में बेहोशी की हालत में लाए गए थे।
अन्य अस्पतालों में उन्हें पहले से औषधि दी गई थी। 25 नवंबर को उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। वह मुंबई के नीलेश परमार और सुमित राय चौधरी से सलाह लेकर शक्तिवर्धक टैबलेट का सेवन करते थे। दवाओं के निरीक्षण के लिए लगातार दवा दुकानों की जांच की जा रही है। प्रदेश में 9850 दवा दुकानों का निरीक्षण किया गया। 241 अनुज्ञप्ति को निरस्त किया गया है। शासन प्रदेश के जिम का विनियम नहीं करती है। सरकार ने इसके लिए कोई नियम नहीं बनाया है। जिम के संचालन के संबंध में केंद्र एवं राज्य की ओर से कोई नियम नहीं है। खाद्य पदार्थों के दो नमूने लिए गए। मुंबई से दवा देने वाले दोनों युवकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जा चुका है। बृजमोहन ने कहा कि युवाओं द्वारा लिए जा रहे सप्लीमेंट्स में कई प्रकार की धातुएं मिली हुई होती हैं। वह धातुएं शरीर को नुकसान करती हैं। मंत्री के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट रहा। अजय चंद्राकर ने कहा संदीप को घोड़े वाला स्टेरॉयड दिया गया था। चंद्राकर ने कहा कि अपने वक्तव्य में आंशिक सत्य बताया है, उसमें पूरा सत्य बताया जाए। मंत्री ने कहा कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद इसके बारे में विस्तार से बताया जा सकेगा। इस पर विधान सभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि सरकार जिम सेंटरों और फिटनेस सप्लीमेंट्स के संबंध में कोई नियम बनाएं।