रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल की शुरुआत में ही सदन में हंगामा हो गया। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने आसंदी को जानकारी दी की उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य अजय चंद्राकर को सदन में सवाल उठाने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। इसपर, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने तुरंत ही संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे से कहा की तत्काल पता करें कि क्या हुआ है और पूरी जानकारी दें, उचित सुरक्षा उपलब्ध कराएं। विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा की विधायक जनहित के मुद्दे ना उठाएं तो कहां जाएंगे? अब ऐसे मामले प्रदेश में आ रहे हैं, कहां जाएं हम? संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने सदन को जानकारी दी कि सरकार को जानकारी है, आपने भी अवगत कराया है अजय जी ने भी अवगत कराया था, व्यक्ति को ट्रेस किया गया है, उसकी गिरफ्तारी भी हो गई है, हम मानते हैं यह मामला गंभीर है। भाजपा विधायक अजय चन्द्राकर को धमकी देने के मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में बयान दिया। उन्होंने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, लेकिन विधायक ने एफआइआर कराने से मना कर दिया गया है। रात्रि में ही विधायक को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, जिसे उनकी सिफारिश पर ही वापस लिया जा रहा है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस दौरान बताया कि मोबाइल नंबर 8350860373 से एक अज्ञात व्यक्ति ने विधायक अजय चन्द्राकर के मोबाइल पर कॉल कर अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने डीजीपी को घटना की सूचना दी। डीजीपी के निर्देश के बाद इंटेलिजेंस की मदद से कॉलर को ट्रेस किया गया। जसपाल सिंह रंधावा नाम है। उसका रेत खदान का व्यवसाय है। हठबंध में नवीन चन्द्राकर का काम चल रहा है, इससे जसपाल का काम रुक गया है। आरोपी ने विधायक को फोन लगाकर अभद्र व्यवहार किया गया।
मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अब तक यूपी, बिहार में ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती थी. रेत माफियाओं का इतना मनोबल कैसे बढ़ गया? किन लोगों का संरक्षण उन लोगों को मिल रहा है? इतनी बड़ी घटना के बाद क्या पुलिस इस मामले को संज्ञान में नहीं ले सकती? विधायक की शिकायत का इंतजार किया जाएगा? ये घटना एक सदस्य के साथ है। दूसरे सदस्य धान का मुद्दा ना उठा पाए, शराब का मुद्दा ना उठा पाए। क्या माफिया राज इस राज्य में शुरू हो रहा है? आखिर इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि एक जन प्रतिनिधि को जान से मारने की धमकी दी जाए? मुख्यमंत्री को यह सोचने की जरूरत है कि क्या इस राज्य को माफिया के हाथों में दे दिया जाए। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। बीजेपी विधायक अजय चन्द्राकर ने कहा कि मुझे रात में सुरक्षा दी गई थी, मैंने मना कर दिया। जिन रेत खदानों का जिक्र किया गया, वह मेरी विधानसभा के नहीं है। आरोपी दुर्ग का है। मेरे से किसी का कोई लेना-देना नहीं है। फिर मुझे किस आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। मैं सार्वजनिक जीवन जीता हूं, जो मेरा हश्र होगा वह होगा। आगे अवैध माइनिंग का क्या होगा, यह पूरा प्रदेश देखेगा। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन जब चल रहा हो और तब ऐसी धमकी सदस्य को दी जाए इससे गंभीर मामला क्या हो सकता है। जेसीसी विधायक अजीत जोगी ने कहा कि मंत्री ने उत्तर दिया है कि सदस्य एफआईआर दर्ज कराने के लिए तैयार नहीं है। यदि अजीत चन्द्राकर ने डीजीपी को फोन पर बताया है, वहीं एफआईआर है। अलग से दर्ज करने की जरूरत नहीं है। आईपीसी 506 बी दर्ज किया जाना चाहिए। डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि सदन की कार्रवाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के संरक्षक होते हैं। अध्यक्ष को इसे संज्ञान में लेना चाहिए। जान से मारने की धमकी दी है। ये प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि विधायकों की सुरक्षा का सवाल हैं। मैंने पहले ही कहा था इस राज्य में रेत में गैंगवार शुरू होगा, इसकी शुरुआत अब हो चुकी है। पुलिस का खौफ पैदा करने की जरूरत है।