रायपुर। प्रदेश के चार हजार से अधिक सराफा कारोबारियों में से अभी तक केवल 10 फीसद सराफा कारोबारियों ने ही भारतीय मानक ब्यूरो में पंजीयन कराया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी कारोबारियों का मानक ब्यूरो में पंजीयन कराना अनिवार्य है। हॉलमार्किंग की अनिवार्यता के बाद उनके द्वारा मांग की जाएगी कि केवल उन्हीं कारोबारियों की हॉलमार्किंग की जाए जो विभाग में पंजीकृत है। अधिकारियों का कहना है कि कारोबारियों द्वारा इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। गौरतलब है कि अगले साल जनवरी से आभूषणों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता की जा सकती है। बताया जा रहा है कि इसके लिए जोर शोर से तैयारियां भी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए 500 से अधिक हॉलमार्किंग सेंटर भी खोले जाने की तैयारी चल रही है, ताकि कारोबारियों को किसी भी प्रकार से परेशानी न हो। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में करीब 4000 से अधिक सराफा कारोबारी है। इनमें से अभी तक सिर्फ 441 गोल्ड कारोबारी और 50 सिल्वर कारोबारी मानक ब्यूरो में पंजीकृत है। इसके साथ ही राजधानी के 460 से अधिक कारोबारियों में से 123 गोल्ड कारोबारी और 20 सिल्वर कारोबारी ही पंजीकृत है। बताया जा रहा है कि पंजीयन की अनिवार्यता के लिए विभाग द्वारा जागरुकता अभियान भी शुरू किया जाएगा। सराफा कारोबारियों का कहना है कि वे भी चाहते है कि आभूषणों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता हो। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलो में हॉलमार्किंग सेंटर खोले जाए। इसके साथ ही 20 कैरेट ज्वेलरी को भी हॉलमार्किंग की मान्यता दी जाए। 20 कैरेट की ज्वेलरी मजबूत भी होती है और उपभोक्ताओं द्वारा पसंद भी की जाती है।