बिलासपुर। बिल्हा के दो गांव में 37 एचआइवी पीड़ित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मंगलवार को सीएमएचओ ने जांच टीम गठित कर मौके के लिए रवाना की। टीम ने पीड़ितों से मिलकर इलाज की व्यवस्था की। वहीं, जांच के दौरान इस बात की जानकारी लगी कि क्षेत्र के झोलाछाप एक ही सुई का बार-बार उपयोग करते हैं। इस वजह से भी एचआइवी फैलने की आशंका है। बिल्हा के ग्राम सेमरा और सिंघरी में 37 ग्रामीण एचआइवी से पीड़ित है। मामला सामने आते ही सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गायत्री बांधी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनाई है। टीम मंगलवार को प्रभावित गांव मेंजांच करने पहुंची। सबसे पहले मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।
इसके बाद उपचार की जानकारी ली। साथ ही पीड़ितों से एचआइवी से ग्रसित होने की वजह जानने की कोशिश की गई। कई पीड़ितों ने बताया कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में झोलछाप सक्रिय हैं। संक्रमित सुई का बार-बार उपयोग करते हैं। इससे झोलाछाप के उपचार की वजह से एचआइवी फैलने की बात कही जा रही है। हालांकि जांच अभी शुरू ही हुई है। इसके कारणों को लेकर व्यापक पड़ताल की जाएगी। इसके अलावा गांव व आसपास के क्षेत्र के लोगों को एचआइवी जांच करने के लिए किट भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम बिल्हा क्षेत्र में के झोलाछाप डॉक्टरों की खोजबीन भी शुरू कर दी है। संवेदनशील क्षेत्रों में होगी जांच विभाग ने बड़े पैमाने पर जांच किट उपलब्ध कराया है। अब जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों की जांच की जाएगी। इस दौरान पीड़ित मिलने पर एचआइवी ग्रसित होने के कारण का पता चलाने के साथ रोकथाम की व्यवस्था की जाएगी।