मिली जानकारी के अनुसार, बैकुण्ठपुर में एक परिवार ऐसा भी है जो कि अपने पत्नी का फर्जी ढंग से प्रमाणपत्र बनवाकर नियुक्त दिलाया गया है इतना ही नहीं उनका फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट भी कान के डाॅक्टर से बनवाकर नियुक्ति दिया गया है। जबकि पूर्व में बैकुण्ठपुर के अंदर कोई भी कान का डाॅक्टर नहीं था, सोचने वाली बात है कि, फिर कैसे अपने पत्नी के कान का डाॅक्टर से फर्जी प्रमाण पत्र विकलांग सर्टिफिकेट बनवाकर सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त करवा दिया गया ? इसी प्रकार ड्रेसर के नाम पर पाॅस्टिंग है परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, गौतम परिवार पूरे स्वास्थ्य विभाग को खिंच रहे है। बताया जाता है कि, हाॅस्पिटल से चादर, बाल्टी, टब, टेबल व अन्य चिजें भी उनके घर से बरामद हो सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गौतम बंधुओं द्वारा विकलांग प्रमाण पत्र को फर्जी ढंग से बनवाकर पैसा ले रहे है। इसी प्रकार गौतम परिवार सेे जिनका पुत्र शिवम गौतम है जो कि संविदा नियुक्ति बताया जाता है उसके द्वारा आॅपरेटर की पोस्ट पर लोगों से पैसा वसूल रहा है। आवेदक द्वारा शिकायत किया गया तो शिकायत को भी नजर-अंदाज कर दिया गया। जो कि आज तक सीएमएचओ एक कमेटी बनाकर जांच कराने में भी भयभीत है। क्योंकि बैकुण्ठपुर हाॅस्पिटल में गौतम बंधुओं का दबाव चल रहा है। शिवम गौतम को सीएमएचओ ने जानबूझकर उसको सोनहत भेजा है। क्योंकि बैकुण्ठपुर में भी उनकी आये-दिन शिकायत मिलती रही है। उसके बावजूद भी सीएमएचओ की जानकारी में रहते हुए भी रिश्वतखोर आॅपरेटर को आजादी क्यों ? इससे साफ-साफ प्रतीत होता है कि, सीएमएचओ के सहयोग से ये भ्रष्टाचारी का खेल खेला जा रहा है।