कोरिया के स्वास्थ्य विभागों में लगभग 27-28 स्वास्थ्य विभाग में गौतम परिवार कार्यरत है। इनके द्वारा अपने ही परिवार को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने में सबसे आगे चल रहे है। जानकार सूत्र बताते है कि, सभी फ्राॅड बनकर नौकरी कर रहे है। अभी हाल ही में शिवम गौतम भ्रष्टाचारी में नौकरी से निलंबित हो गया। परंतु शिवम के छोटे भाई को ड्रेसर की पाॅस्ट पर रखा गया है। यह किसके आदेश व किसके निर्देश पर रखा गया है ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनके पास एक ड्रेसर होकर करोड़ों के आसामी है। अभी हाल ही में लगभग 25 लाख का जैन मंदिर के पास एक प्लाट बेचा गया है और परिवार के नाम से भी लगभग 4 प्लाट खरीदा गया है। चार चक्का वाहन भी दो बताये जा रहे है। एक डेªसर के पास आय से ज्यादा सम्पत्ति कहां से आई ? वहीं बताया जा रहा है कि, एक गौतम अपने घरवाली के नाम से फर्जी ढंग से कान का विकलांग प्रमाण पत्र बनवाया है जबकि उस समय कान का कोई भी डाॅक्टर ही नहीं था तो विकलांग प्रमाण पत्र कैसे बना ? इसी तरह वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पटना में फर्जी प्रमाण पत्र से x-ray technician के पद पर कार्यरत है।
लोगों में चर्चा है कि, स्वास्थ्य विभाग में सभी गौतम परिवारों ने अपना पैतृक संपत्ति बनाकर रखा हुआ है। क्या सीएमएचओ गौतम परिवार के दबाव में है या गौतम परिवारों से कोई लाभ हो सकता है ? इसलिए कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में गौतम परिवार छाये हुए है। क्या पटना में x-ray technician का फर्जी तरह से नियुक्त हुआ है ? इसकी जांच होनी चाहिए ? और जो बैकुण्ठपुर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बोट बनाया गया है उसमें क्या गौतम परिवार के इशारे पर विकलांग प्रमाण पत्र बनाया जाता है ? जानकार सूत्र के अनुसार, फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र बनाकर लम्बी रकम ली जाती है। बैकुण्ठपुर की आम जनता मांग करती है कि, गौतम का छोटा पुत्र कैसे नियुक्त हुआ ? और पटना में वह महिला फर्जी कार्य कैसे कर रही है ? यह जांच का विषय है।