आपको शायद जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि जब हम खुद को मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं तभी शारीरिक थकान हम पर अधिक हावी हो जाती है। अगर हम मानसिक रूप से बीमार हैं। टेंशन और तनाव के कारण अगर लंबे समय तक बने रहें तो ये टेंशन को डिप्रेशन में यानी अवसाद की तरफ धकेल सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि वक्त रहते ही इनकी पहचान कर ली जाए।
हर बिमारी की तरह टेंशन के भी अपने लक्षण होते हैं। इसे हल्के में ना लेते हुए बीमारी को बीमारी की तरह ट्रीट करें। और बचाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं।
लक्षण-
नींद कम हो जाना- टेंशन के कारण अक्सर लोगों की नींद में खलल पड़ती है। आमतौर पर टेंशन के दौरान लोगों के सोने का समय बहुत कम हो जाता है। जबकि कुछ लोगों के साथ स्थिति इससे एकदम उलट होती है। और इन्हें बहुत नींद आती है। हर समय थकान रहती है।
चीजें याद ना रह पाना-
टेंशन होने की स्थिति में व्यक्ति अपने जरूरी काम भी भूल जाता है। रोजमर्रा के काम भी उन्हें याद नहीं रहते हैं।
फोकस में दिक्कत- जब व्यक्ति टेंशन का शिकार होता है तो उसे किसी भी काम को ध्यान से करने में दिक्कत होती है। क्योंकि वह लंबे समय तक एक चीज पर फोकस नहीं कर पाता है।
अनिर्णय की स्थिति- आप कितने भी अच्छे डिसीजन मेकर रहे हों लेकिन टेंशन हो जाने पर आपके निर्णय को लेने में आपको दिक्कत आती है।
हर चीज में कमी देखना- टेंशन की स्थिति में लोेग किसी भी मुद्दे या स्थिति का सकारात्मक पहलू नहीं देख पाते हैं। हर वक्त उनके दिमाग में नेगेटिव चीजें ही चलती रहती हैं।
टेंशन और भूख- कुछ लोगों को टेंशन होने पर भूख गायब हो जाने की समस्या हो जाती है। जबकि दूसरी तरफ कुछ लोगों को लूज मोशन भी होने लगते हैं। घबराहट के कारण मन खराब होने या वाॅमिट जैसा फील होने की समस्या भी कुछ लोगों को पाचन ठीक से ना होने के कारण पेट या सीने में दर्द हो सकता है।