बिलासपुर। बिलासपुर से कटनी की ओर जाने वाली मेमू लोकल ट्रेन में सफर कर रहे यात्री बुधवार को गंभीर दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। दरअसल ट्रेन बिलासपुर से कटनी की ओर रवाना हुई थी। इसी बीच अगले स्टेशन पर प्लेटफार्म में खड़े यात्रियों ने ट्रैक को टूटे देखा इसी ट्रैक से होकर कुछ ही देर में मेमू ट्रेन गुजरने वाली थी। आनन-फानन में सिग्नल के जरिए ट्रेन को रुकवाया गया।
उस वक्त ट्रेन की गति इतनी तेज थी कि टूटे ट्रैक से कुछ दूरी पर ट्रेन के रुकने के साथ उसके कुछ डब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि यात्रियों को चोटें नहीं आई हैं। यात्रियों की सतर्कता और स्टेशन के कर्मचारियों की मुस्तैदी की वजह से एक गंभीर दुर्घटना होने से बच गई। स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के इंतजार में बैठे यात्री दिलीप दुबे और कामता यादव ने प्लेटफॉर्म से पटरी टूटी हुई देखकर तत्काल इसकी सूचना वेंकटनगर स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने तत्काल पोर्टर को भेजकर ट्रेन को प्लेटफार्म में घुसने से पहले ही लाल झण्डी दिखाकर ट्रेन को रुकवाया। सिग्नल मिलने के साथ ही ड्राइवर ने टूटी पटरी के कुछ दूर पहले ही ट्रेन को रोक लिया और बड़ा हादसा होते-होते बच गया।
इस दौरान कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिन्हें बाद में वापस पटरी पर लाया गया। इसके बाद मेमू को दूसरे ट्रैक से रवाना किया गया। टूटे ट्रैक की मरम्मत तत्काल मेकेनिकल और इंजीनियरिंग स्टाफ द्वारा शुरू कर दी गई है। ट्रैक में दरार किस वजह से आई इसकी भी जांच की जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि ट्रैक की रूटीन मरम्मत का काम होता है और दरारों की नीयमित जांच होती है, इसके बावजूद लापरवाही कहां बरती गई, इसकी जांच होगी। दूसरी ओर यात्रियों की सतर्कता की वजह से एक बड़े हादसे के टल जाने को लेकर लोग राहत महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ रेलवे की लापरवाही से लोग आक्रोशित भी हैं। यदि टूटी पटरी से ट्रेन होकर गुजरती तो निःसंदेह बड़े हादसे की आशंका थी।