तीन दिनों से हो रही बारिश से जिले के सबसे बड़े गंगरेल बांध समेत जिले के बांधों की सेहत में सुधार हुआ है। दोपहर में गंगरेल बांध में आवक प्रति सेकेंड साढ़े 43 हजार क्यूसेक तक पहुंच गई थी। सोंढूर बांध लबालब हो चुका है। गेट खोलकर पानी बहाया जा रहा है।
आठ सितम्बर रविवार शाम की स्थिति में गंगरेल बांध का जलभराव 18.440 टीएमसी हो गया है। बांध में उपयोगी जल 13.370 टीएमसी है। 18 हजार क्यूसेक की आवक बनी हुई है। 1070 क्यूसेक बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं सोंढूर बांध लबालब भर चुका है। बांध का जलभराव 6.447 टीएमसी है। बांध में 5991 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। बांध से 1693 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मुरूमसिल्ली बांध का जलभराव 3.149 टीएमसी है। बांध में 833 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। दुधावा बांध का जलभराव 6.701 टीएमसी हो चुका है। बांध में 2506 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। प्रति क्यूसेक पानी मतलब 28.311 लीटर प्रति सेकेंड आवक होता है।
जिले में पिछले 48 घंटों में 106 मिमी औसत बारिश हुई है। पहले दिन सात सितंबर को 55 मिमी वर्षा हुई थी। आठ सितंबर रविवार को जिले में 51.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जिसमें सबसे अधिक बारिश धमतरी तहसील में 73.4 मिमी, कुरूद में 51.4 मिमी, मगरलोड में 64 मिमी और नगरी तहसील में सबसे कम 18.4 मिमी बारिश हुई है।
जिले में एक जून से अब तक 1012.2 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। फिर भी यह बारिश पिछले साल की तुलना में कम है। पिछले वर्ष एक जून 2018 से आठ सितंबर 2018 तक जिले में 1147.6 मिमी औसत वर्षा हो चुकी थी। मानसून कमजोर होने के कारण इस साल 135.4 मिमी औसत वर्षा पिछड़ गया है।
रूद्री के कैलाशपति नगर के अटल आवास में रहने वाले लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया। इससे यहां रहने वाले करीब 50 परिवारों में हड़कंप मच गया। परिवार के लोगों ने घरों में घुसे पानी को बाल्टी व अन्य बर्तनों से निकालते रहे। पानी घुसने से घरों में रखे सामग्री भीग गए। कमरों में घुटने तक पानी भरा रहा। प्रभावितों ने शासन से मदद की गुहार लगाई है।