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नरसिंहपुर : बाढ़ आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक सम्पन्न, अतिवर्षा की स्थिति में लोग जल स्रोतों के निकट न जायें……………..

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नरसिंहपुर : कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाढ़ आपदा नियंत्रण के संबंध में तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में स्थापित जिला कंट्रोल रूम एवं अनुभाग स्तर पर बनाया गया कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील रहे। कंट्रोल रूम में ऐसे अधिकारी- कर्मचारी की ही ड्यूटी लगाई जाए, जो बाढ़ आपदा के संबंध में भलीभांति परिचित हो और जानकारी का त्वरित आदान-प्रदान कर सके। कंट्रोल रूम में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाए।

      कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ऐसे पुल- पुलिया जिनमें भारी वर्षा के दौरान जलमग्न होने की स्थिति निर्मित होती है, उनका चिन्हांकन कराएं। पुल- पुलिया से संबंधित निर्माण विभाग जलमग्न होने की स्थिति में तत्काल उन पुल- पुलियों को बंद कराएं। इनसे वाहनों का आवागमन किसी भी स्थिति में नहीं हो। वैकल्पिक वैरीकेडिंग की जाये। लोग एवं मवेशी जल स्रोतों के पास न जायें, इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर अपील जारी हो। होमगार्ड की टीम, बोट, रस्सी, टॉर्च, लाइफ जैकेट की पहले से व्यवस्था रखी जाये। राजस्व विभाग का स्थानीय अमला, कोटवार एवं पटवारी मौजूद रहें। पानी कम होने के उपरांत संबंधित निर्माण एजेंसी यह भी सुनिश्चित करें कि पुल- पुलिया की गुणवत्ता की स्थिति अब कैसी है।

      लोक‍ निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत अंडर ब्रिज में पानी भराव की स्थिति न हो। नेशनल हाईवे एजेंसी द्वारा डायवर्सन किये गये मार्ग के आसपास गड्ढे न हो यह भी सुनिश्चित करें। साथ ही इन मार्ग पर मिट्टी के कारण फिसलन न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाये, ताकि दुर्घटना न हो। संबंधित निर्माण एजेंसी जेसीबी एवं अन्य आवश्यक सामग्री के साथ तैनात हो। यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती पटले ने छिंदवाड़ा, जबलपुर एवं नरसिंहपुर नेशनल हाईवे के अधिकारियों को दिये।

      अतिवृष्टि होने पर यह भी सुनिश्चित किया जाये कि ऐसे क्षेत्रों में स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों का संचालन वहां की परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेकर हो। जल भराव की स्थिति होने पर महिला एवं बाल विकास का अमला घर- घर जाकर पोषण आहार का वितरण करवाना सुनिश्चित करवायें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग न हो। उन्हें ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने की तैयारी भी पहले से हो। जनपदों की ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन एवं नगरीय निकायों के आश्रय स्थल व सामुदायिक भवन में उनके रहने व भोजन की भी व्यवस्था संबंधित अधिकारी पहले से सुनिश्चित करेंगे। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला आवश्यक दवाईयों का छिड़काव सुनिश्चित करें। सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। पीएचई विभाग का अमला जल स्रोतों में दवाईयों का छिड़काव करवायें। अतिवृष्टि के कारण मकानों, फसलों, मवेशियों आदि के नुकसान होने पर क्षति प्रकरण भी तैयार किये जायें।

      बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती अंजली शाह, सहायक कलेक्टर श्री शुभम कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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