अनूपपुर : कोतमा रोड में यातायात पुलिस कर्मियों का क्या हाल है और यातायात पुलिस अपनी ड्यूटी कितनी ईमानदारी से निभाती है। इसका नजारा कोतमा रोड में आसानी से देखा जा सकता है।
यह बात किसी से छिपी नहीं है ऐसे कई मामले सामने आये है जिसमें बेगुनाहगार से पुलिस ने तगड़ी वसूली न की हो। वसूली का दाग यातायात पुलिस के दामन में लग चुका है। जिसे वह छुड़ाने के बजाय अपनी पूरी गुंडागर्दी आम जनता में उतार रहे है। अपना रुवाब झाड़ने के लिए यातायात पुलिस किस हद तक गिर सकती है इसका नजारा कोतमा रोड में आसानी से देखा जा सकता है। जानकार सूत्र बताते है कि, गाड़ी के सभी डाक्यूमेंट होने के बावजूद यातायात पुलिस वालों ने अभद्र भाषा का यूज किया और कहा की हम पी.एम. तक को नहीं डरते।
दरअसल, यातायात चेकिंग के नाम पर आम आदमी को लूटा जा रहा है। पुलिसकर्मी सड़क पर केवल आम आदमियों को निशाना बना रहे हैं। आम कामकाजी आदमी जब पुलिस के चंगुल में फंस जाता है, तो पहले पुलिसकर्मी इस बात की तफ्तीश करते हैं कि, यह किसी नेता जी का चेला तो नहीं है। किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य तो नहीं है या फिर किसी पुलिसकर्मी का रिश्तेदार तो नहीं है। थोड़ी देर में जब आम आदमी थक हार जाता है और पुलिसकर्मी को इस बात की पूरी तसल्ली हो जाती है कि, यह सचमुच आम आदमी ही है, तो उसका चालान काट दिया जाता है या फिर उससे रिश्वत ले ली जाती है।
इस तरह पुलिसकर्मी लोगों को परेशान कर रहे हैं जिससे निश्चित रूप से उन पर कार्रवाई की जाए।