छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के लिए ओएसडी अपने-अपने पहूंच में ओएसडी बने हुए है पर ओएसडी अपने को मंत्रियों से कम नहीं समझते है। किसी व्यक्ति को मंत्रियों से बात करना हो तो ओएसडीयों द्वारा मंत्री से बात कराने के लिए टालमटूली करते है जबकि ओएसडी इसलिए होते है ताकि मंत्रियों के साथ पूछ परख के संबंध में जानकारी दे सकें। क्योंकि मंत्री पांच साल के लिए होते है लेकिन किसी का संबंध मंत्रियों से हो तो वह व्यक्ति का संबंध हमेशा के लिए होती है तो उनके लिए समय सीमा नहीं होती है। जिनका ओएसडी मंत्रियों के संबंध बिगाड़ने में लगे रहते है। मंत्रियों को अपनी-अपनी ओएसडीयों को सख्त दिशा निर्देश दें कि, उनका किसी से भी अच्छे संबंध हो सकते है। इसलिए किसी का भी काॅल आये तो उस व्यक्ति का परिचय लेकर ओएसडी अपने अधिनस्त मंत्रियों से बात कराये। मंत्री का अपना विचार है वह बात करना चाहे या न करना चाहे। इसकी सूचना मंत्री तक अवश्य पहुंचना चाहिए। जिससे कोई भी रिश्तेदार व इष्ट मित्रों को समय सीमा में रहते हुए ही बात हो सके। जिससे समाज से दूरी न बड़ सके । जब वह व्यक्ति उस मंत्री से मिलेगा तो वह अपनी अबबिती ओएसडी के विरूद्ध बोलेगा तो वह अच्छी बात नही। इस बात पर ओएसडीयों को ध्यान में रखना चाहिए।