एक चैकानें वाली खबर सामने आमने आयी है जहां प्रशासन ने चोर-उचक्कों के साथ होली मनाई। लोगों का कहना है कि, क्या प्रशासन को होली मनाने के लिए कोई ईमानदार पत्रकार भी नहीं मिले ? कम-से-कम प्रशासन को इतना भी तो सोचने चाहिए था कि, अपने से उम्रअंदाज एवं वरिष्ठ पत्रकार को भी सम्मान देना चाहिए था। पर प्रशासन को ऐसे लोग ही होली मनाने के लिए मिले जो कि कोई पत्रकारिता, कोयला की दलाली, सूचना के आधार से पैसा निकाल रहे, कोई ब्राउन शुगर, गांजा बेच रहा, कोई व्यक्ति संगठन बनाकर होली हुड़दंग के नाम से कम-से-कम 15 से 20 लाख रूपये वसूल लिया गया।
वहीं छत्तीसगढ़ में संगठन सैकड़ों में है पर पत्रकारिता को ही क्यों निशाना बनाया जाता है? जो कि पत्रकारिता के नाम से छोटे-छोटे ठेकेदारों से लेकर बड़े-बड़े अधिकारियों तक को भी पैसा वसूला गया। ऐसे व्यक्तियों के साथ होली हुड़दंग के साथ आईएस एवं आईपीएस अधिकारी भी होली मनाते है यह बड़ी शर्म की बात है। बता दें कि, संगठन के अध्यक्ष तक को भी नहीं बुलाया गया था। लोगों का कहना है कि, आईएस व आईपीएस ऐसे लोगों को सम्मान भी देते है और उनको पैसा भी देते है। क्योंकि उनको भी फैक न्यूज में बड़े ही खुश रहते है। उनको चाहिए कि, झूठे-झूठे समाचारों को प्रकाशित करते रहे और जनता को गुमराह करते रहे। क्योंकि प्रशासन को ईमानदार कर्मठ की कोई भी जरूरत नहीं। विद्यालय जा रहे पत्रकार भी इसमें सम्मिलित है। जनता सब जानती है कि, कितने फर्जी पत्रकारिता व कितने वसूली के नाम पर पत्रकारिता चला रहे है। यह समाचार आम जनता के विचारधाराओं से प्रकाशित किया जा रहा है।