कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आज उज्जैन से गिफ्तार हुआ है। हालांकि गिरफ्तारी के बाद भी उसकी आंखों में किसी तरह का डर नहीं दिख रहा था। जहां उसने खुद मीडिया को बुलाकर अपने बारे में बताया, वहीं गिरफ्तारी के बाद भी वह जोर-जोर से मीडिया के सामने चिल्लाता नजर आया। वह मीडिया के सामने चिल्ला रहा था, ‘मैं विकास दुबे हूं… कानपुर वाला…
जानकारी के अनुसार आज तड़के ही विकास दुबे उज्जैन पहुंचा है और फिर वह महाकालेश्वर मंदिर गया। वहां करीब 9 बजकर 55 मिनट पर विकास दुबे ने मंदिर के सामने अपना नाम चिल्लाया। फिर मंदिर के अंदर घुसने के बाद चिल्ला-चिल्लाकर खुद को विकास दुबे बताया तो वहां हड़कंप मच गया। मंदिर के गेट पर खड़े गार्ड ने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया।
बताया जा रहा है कि विकास ने सरेंडर की सूचना खुद पुलिस और स्थानीय मीडिया को दी। स्थानीय मीडिया के साथ ही स्थानीय पुलिस भी महाकालेश्वर मंदिर के सामने पहुंची और विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया। जिस वक्त पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार कर महाकाल थाने ले जा रही थी, तब वह बीच-बीच में चिल्ला रहा था, ‘…मैं विकास दुबे हूं…कानपुर वाला’। इसके बाद पुलिस के एक जवान ने उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर पुलिस जीप की ओर ले गया। वहां जब एक बार पुलिस ने उसके मुंह से हाथ हटाया तो वह फिर चिल्लाया जिस पर पीछे से एक जवान ने उसके सर पर मारा और उसका मुंह दोबारा बंद कर गाड़ी में बैठाया।
बता दें कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। जिसके बाद से पुलिस विकास को उत्तर प्रदेश से जुड़े सभी प्रदेशों में ढूंढ रही थी।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है।