मध्य प्रदेश के उज्जैन में कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार की सुबह इसकी खबर मिलने के बाद शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को सुकून मिला। हालांकि उनको दुख इस बात का है कि विकास दुबे जिंदा पकड़ा गया है। आगरा के शहीद सिपाही के पिता ने कहा है कि मध्य प्रदेश में हुई विकास दुबे की गिरफ्तारी में उत्तर प्रदेश पुलिस की नाकामी झलकती है। उस दुर्दांत को मार देना चाहिए।
कानपुर के बिकरू गांव में दो जून की रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गईं थीं। हमले में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इनमें आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के पोखर पांडेय निवासी सिपाही बबलू कुमार भी शामिल थे। इस घटना के बाद से मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार चल रहा था।
घटना के सातवें दिन हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को मध्य प्रदेश की पुलिस ने उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया। वो वहां महाकाल मंदिर में गया था। विकास दुबे की गिरफ्तारी से शहीदों के परिजनों के दिल को थोड़ी तसल्ली मिली है। शहीद बबलू कुमार के पिता छोटेलाल का कहना है कि उज्जैन में दुर्दांत विकास दुबे की गिरफ्तारी में यूपी पुलिस की नाकामी है।
शहीद के पिता ने कहा कि दुर्दांत विकास दुबे को शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को सौंप देना चाहिए। उसको वैसे ही तड़पा-तड़पाकर मारना चाहिए, जैसे उसने बहादुर पुलिसकर्मियों को मारा था। इसके साथ ही चौबेपुर थाने के एसओ तथा चौकी इंचार्ज को भी कड़ी सजा मिलना चाहिए।
सिपाही बबलू कुमार के परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं है। उनके पिता छोटेलाल के पास खेत नहीं हैं। चार भाइयों में बबलू तीसरे नंबर का था। पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं। बबलू के सिपाही बनने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद जगी थी, लेकिन डेढ़ साल की नौकरी में वो शहीद हो गए।
शहीद बबलू कुमार के बड़े भाई ने कहा कि आरोपी विकास दुबे का एक हाथ एक पैर काट देना चाहिए तथा उसका उसी बिकरू गांव में एनकाउंटर किया जाना चाहिए, जिससे उत्तर प्रदेश के अन्य अपराधियों को सबक मिल सके।