जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार 16 मार्च को फुलकोर्ट मीटिंग के जरिए कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। इसके तहत मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के साथ-साथ राज्य की सभी अधीनस्थ अदालतों में सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वानी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 5 मार्च 2020 को कोरोना से बचाव के सिलसिले में एक एडवायजरी जारी की थी, जिसके तहत सार्वजनिक महत्व के स्थानों में सामूहिक कार्यक्रम आयोजित न किए जाने पर बल दिया गया था।
विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित करते हुए सार्वजनिक रूप से एकत्र न होने का संदेश दिया है। इन दोनों एडवाजयरी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य की अदालतों में कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसके तहत निम्नांकित बिन्दु उल्लेखनीय हैं
1- मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की तीनों बेंच में कोई सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
2- राज्य के सभी अधिवक्ताओं से अपील है कि वे अपने पक्षकारों को कोर्ट आने से रोकें।
3- अधिवक्ताओं व पक्षकारों की अनुपस्थिति में कोई भी कोर्ट उनके केस खारिज नहीं करेगा। गैरहाजिरी से मुकदमों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
4- मीडिएशन प्रक्रिया सिर्फ उन्हीं मामलों में अपनाई जाएगी, जो अतिआवश्यक श्रेणी के होंगे।
5- वे सभी एहतियाती कदम पूरी गंभीरता से उठाए जाएंगे, जिनके बारे में शासन-प्रशासन के स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
6- अदालत परिसरों में परस्पर हाथ मिलाने के स्थान पर नमस्ते से काम चलाया जाएगा।
7- हाई कोर्ट सहित समस्त प्रदेश की समस्त जिला अदालतों में कोरोना से बचाव की दिशा में उक्त सभी बिन्दुओं का पूर्ण तत्परता से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट एसोसिएशन के सचिव मनीष तिवारी व जिला बार सचिव राजेश तिवारी ने बताया कि देश-दुनिया में कोरोना के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को सुबह 10 बजे अधिवक्ता संघों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल से मिला। इस दौरान कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। जिसे गंभीरता से लेकर मुख्य न्यायाधीश श्री मित्तल ने हाई कोर्ट में फुलकोर्ट मीटिंग के जरिए गाइडलाइन जारी किए जाने की व्यवस्था दे दी।
पूर्व जिला बार अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजा। इसके जरिए 31 मार्च तक हाई कोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में कोरोना से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की मांग की गई। साथ ही सिर्फ अति आवश्यक मुकदमे ही सुने जाने पर बल दिया गया। वकीलों व पक्षकारों को कोर्ट में उपस्थिति से छूट दिए जाने का बिंदु भी पत्र में शामिल रहा।