Home छत्तीसगढ़ रणनीति के साथ जंगलों में उतरी फोर्स………..

रणनीति के साथ जंगलों में उतरी फोर्स………..

नक्सलियों के कोर इलाके तक कैंप खोलकर एरिया डॉमिनेशन किया

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जगदलपुर। विश्वास, सुरक्षा, विकास का नारा देकर बस्तर पुलिस अब नक्सलवाद के पूर्ण सफाए की ओर चल पड़ी है। फोर्स ने इस बार अपनी रणनीति बदली है। इससे पहले कि अपनी मांद से निकलकर नक्सली फोर्स को निशाना बना पाते, फोर्स खुद उनकी मांद में रोज दस्तक दे रही है। बस्तर के जंगलों में नक्सली चौतरफा घिर गए हैं। रोज मुठभेड़ की खबर आ रही है। संभाग के सातों जिलों में एक साथ ऑपरेशन चल रहा है। इस ऑपरेशन का नाम दिया गया है- प्रहार।

दरअसल ठंड कम होते ही नक्सली हाल के वर्षों में टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन(टीसीओसी) चलाते हैं। जिसमें आदिवासियों का सहारा लेकर वह फोर्स पर बड़े हमलों की रणनीति बनाते हैं। इस बार फोर्स ने नक्सलियों की टीसीओसी से पहले ही फरवरी माह में ऑपरेशन प्रहार शुरू कर दिया।

पुलिस अफसरों की मानें तो बस्तर में नक्सलवाद से अंतिम चरण की लड़ाई चल रही है। ऑपरेशन प्रहार के पहले जनता का विश्वास जीतने की कवायद की गई। नक्सलियों के कोर इलाके तक कैंप खोलकर एरिया डॉमिनेशन किया गया। जनता को पक्ष में लिया गया।

बीते तीन दिनों से संभाग के अलग-अलग जगहों से मुठभेड़ की खबरें लगातार आ रही हैं। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती पीडिया के जंगलों में फोर्स बड़े नक्सली लीडर्स से मोर्चा ले रही है। दरअसल इस बार उन्हें सिर उठाने का अवसर शायद ही मिल पाए।

बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि संभाग में रोज कम से कम 20 टीमें जंगल में उतरती हैं। इन टीमों में सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा, डीआरजी, जिला बल और अन्य पैरामिलिट्री फोर्स के जवान शामिल होते हैं। इनके अलग-अलग दस्ते जंगल में गश्त करते हैं। एक टीम में करीब दो सौ जवान होते हैं जो 40-50 की टुकड़ी में चारों ओर से घेरा बनाकर नक्सलियों को ललकारते हैं। फोर्स की बदली रणनीति से नक्सली हलकान हैं। फोर्स का यह ऑपरेशन मई तक चलेगा।

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