जशपुरनगर। Elephant Panic: घर के दरवाजे को तोड़कर अंदर घुस आए दंतैल हाथी से बेटी और नातिन की जान बचाने के लिए एक बुजुर्ग ने अपने प्राण को दांव पर लगा दिया। हुआ यूं कि 62 वर्षीय बुजुर्ग सोनसाय राम हाथी के हमले से बेटी और नातिन को बचाने के लिए मशाल लेकर हाथी से भीड़ गया। इससे बेटी- नातिन तो बच गए, बुजुर्ग को हाथी ने कुचल दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वन विभाग का दावा है कि हादसे के वक्त गांव में हाथी मित्र दल मौजूद था। घटना जशपुर जिले के सिकरीमा गांव की है। इस गांव का सोनसाय की बेटी कौशल्या साय अपनी मासूम बेटी के साथ इन दिनों मायके आई हुई है। इस पूरे घटना की वह प्रत्क्षदर्शी भी है।
कौशल्या ने बताया कि शनिवार की तड़के तकरीबन चार बजे उसे ससुराल वापस जाने के लिए पिता सोनसाय राम जगाने के लिए आए थे। आसपास के जंगल में हाथी की मौजूदगी को देखते हुए दोपहर के बस से ससुराल जाने की बात कहते हुए वह पुन: सो गई। बेटी की बात को सुनकर मृतक सोनसाय भी बगल के कमरे में सो गया।
इस बीच नजदीक के जंगल से निकलकर एक दंतैल अचानक उसके घर में घुस गया। हाथी ने सोनसाय के घर के मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा तोड़ते हुए अंदर के कमरे में रखे हुए धान की कोठरी को तोड़ने लगा। इससे वृद्व सोनसाय की नींद खुल गई। सामने हाथी को देख कर उसके होश उड़ गए।
सोनसाय ने बगल के कमरे में सो रही बेटी कौशल्या को हाथी से सतर्क करते हुए कमरे में दुबके रहने और मोबाइल बंद करने की नसीहत दी। और हाथी बेटी को नुकसान न पहुंचाए सोचकर मशाल जला कर कोठार की ओर चला गया। मृतक के हाथ में जलता हुआ मशाल देखकर हाथी भागने की बजाय भड़क गया और वापस पलट कर सोनसाय पर आक्रमण कर दिया।
हाथी को लपकता हुआ देख कर सोनसाय अंदर के कमरे की ओर भागने लगा। लेकिन हाथी ने उसे दौड़ाकर सूंड में लपेट लिया। जान बचाने के लिए हाथ पैर मारते हुए सोनसाय किसी तरह हाथी के चुंगल से छूट कर घर के पतले गलियारे में घुस गया। लेकिन हाथी ने यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा और गलियारे से उसे सूंड में लपेट कर जमीन में पटकर कर सिर को कुचल दिया।
इससे सोनसाय की मौके पर ही मौत हो गई। सोनसाय को मारने के बाद दंतैल जंगल की ओर चला गया। इस हादसे के बाद गांव में दहशत व्याप्त है।
सोनसाय को मौत के घाट उतारने वाले इस दंतैल को स्थानीय ग्रामीणों ने बांडी हाथी का नाम दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक लंबे अर्से से क्षेत्र में तबाही मचा रहे इस दंतैल का पूंछ, अन्य हाथियों की तुलना में बहुत छोटा है। इसलिए इसे बांडी, बिना पूंछ वाला हाथी का नाम दिया है। अकेले भटक रहा यह हाथी बेहद आक्रामक है।
दूसरे हाथियों की तरह घर के दीवार ध्वस्त करने की जगह यह दंतैल सीधे दरवाजा तोड़कर अंदर घुस जाता है। दल से अलग होने की वजह से इसकी सूचना भी सहजता से नहीं मिल पाती है। यही वजह है यह जिस भी क्षेत्र में रहता है,वहां जन-धन हानि की आशंका अधिक रहती है।