अंबिकापुर । सूरजपुर जिले के बिहारपुर से लगे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में इन दिनों अवैध कटाई धड़ल्ले से चल रही है। सड़क किनारे बड़े पेड़ों को काटकर गिराया जा रहा है और धीरे-धीरे लकड़ी पार की जा रही है। क्षेत्र में लकड़ी तस्करों की सक्रियता के बावजूद राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी और कर्मचारी मौन साधे हुए हैं। आरोप है कि वनकर्मियों की संलिप्तता से ही हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे हैं। लंबे समय से सक्रिय लकड़ी तस्करों द्वारा छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी प्रांत मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी अवैध लकड़ी खपाई जा रही है। सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के बिहारपुर क्षेत्र का बड़ा इलाका गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में आता है। यहां कर्मचारियों की पदस्थापना कथित रूप से सेटअप के अनुरूप नहीं की गई है जिस कारण जंगल की सुरक्षा भी नहीं हो पा रही है। पूर्व में रात के अंधेरे में अवैध कटाई कर लकड़ियों को खपाने का खेल चलता था लेकिन अब दिनदहाड़े अवैध कटाई से घने वन क्षेत्र में ठूंठ नजर आने लगे हैं। चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के महुली में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का कार्यालय है। वन कर्मियों की जानकारी में पेड़ों की कटाई होती है। यहां लकड़ी तस्करों का गैंग काम करता है। हद तो यह है कि तस्कर जंगल में रोड किनारे के पेड़ों को बेखौफ होकर काटने लगे हैं। ग्राम खोहिर में सड़क किनारे साल के 10 पेड़ों को दिनदहाड़े काट दिया गया है। सूचना के बावजूद गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। इस कारण ग्रामीणों को संदेह है कि वन कर्मियों की मिलीभगत से इमारती लकड़ी को काटा जा रहा है और अधिकारी ध्यान नही दे रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि खोहिर में सड़क किनारे पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ कार्यवाई को लेकर उनके द्वारा सूचना गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पार्क महुली के रेंजर को देने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन ही रिसीव नही किया वही डिप्टी रेंजर ने बताया कि वनकर्मियों की संख्या कम है इस कारण प्रभावी गश्त नही हो पाती। पेड़ों की अवैध कटाई की जानकारी मिल रही है वे रेंजर से इस विषय पर बात कर अवैध कटाई पर सख्ती से रोक लगाने पूरा प्रयास करेंगे। विदित हो कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में वन्य प्राणी भी काफी संख्या में है।