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जीतू सोनी (Jitu Soni) पर वेश्यावृत्ति में लिप्त होने की धारा लगाई गई…

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इंदौर। मानव तस्करी और लूट में फरार जीतू सोनी (Jitu Soni) पर वेश्यावृत्ति में लिप्त होने की धारा लगाई गई है। उस पर यह भी आरोप है कि वह शिकायत करने वाली पीड़िताओं को भाई और अकाउंटेंट के जरिए धमका रहा है। पुलिस ने युवती की शिकायत पर नया केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनाम राशि 30 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने के लिए सरकार को पत्र भी लिखा है। एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक जीतू उर्फ जितेंद्र सोनी निवासी आलोक नगर और उसके बेटों अमित, विक्की, भतीजे लक्की, जिग्नेश, निखिल और भाई हुकुम सोनी पर करीब 13 केस दर्ज हो चुके है। पलासिया थाने में दर्ज मानव तस्करी के केस में अमित रिमांड पर है, जबकि जीतू फरार है। इस मामले में पुलिस ने वेश्यावृत्ति की धारा बढ़ा दी है। गुजरात, मुंबई सहित कई शहरों में तलाशने के बाद भी जीतू की जानकारी नहीं मिली। बुधवार को एडीजी वरुण कपूर ने 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। प्रकरणों की गंभीरता देखते हुए एडीजी ने शासन को प्रतिवेदन भेजा कि जीतू पर इनाम राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए कर देना चाहिए। उधर, गुरुवार तड़के एक युवती की शिकायत पर जीतू सोनी, राव साहब (अकाउंटेंट) और हुकुम सोनी (भाई) के खिलाफ गवाही और बयान देने पर जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर लिया। हुकुम सोनी मप्र सोना-चांदी जवाहरात व्यापारी एसोसिशन का अध्यक्ष है। मूलतः कोलकाता निवासी इस युवती को पुलिस ने 67 लड़कियों के साथ होटल माय होम से मुक्त कराया था। उसका आरोप है कि दो नवंबर को पुलिस उसे होटल लेकर पहुंची तो हुकुम और राव धमका रहे थे।

फर्जी आरएनआई से ‘नवीन इंदौर’ निकालने पर नया केस

पुलिस ने बुधवार रात डोंगरवाड़ी मुंबई निवासी रवींद्र लक्ष्मणराव पंडित की शिकायत पर जीतू सोनी, रवींद्र निगम के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। पंडित ने आरोप लगाया कि जिस प्लॉट पर जीतू के सांध्य दैनिक अखबार ‘संझा लोकस्वामी’ का प्रकाशन हो रहा है, वह उसका है। वर्ष 1988 में विकास प्राधिकरण से आवंटन हुआ था। यहां से उसने ‘दैनिक नवीन’ के नाम से समाचार पत्र शुरू किया था। व्यापार में घाटा होने के कारण वह शहर छोड़कर मुंबई चला गया था। आरोपितों ने ‘संझा लोकस्वामी’ का कार्यालय खोल लिया और ‘नवीन इंदौर’ के नाम से भी अखबार शुरू कर दिया, जबकि शासकीय दस्तावेज में अभी भी उसका नाम ही दर्ज है। आरोपित के अखबार का आरएनआई नंबर भी फर्जी है।

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