दंतेवाड़ा। रविवार को किरंदुल में आगजनी सहित चोलनार ब्लास्ट और अन्य नक्सली वारदातों में शामिल सक्रिय जनमिलिशिया कमांडर ने बुधवार को एसपी के समक्ष समर्पण कर दिया। उस पर एक लाख रूपए का इनाम था। गुमियापाल निवासी हड़मा पिता सोमलू ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर समर्पण करना बताया है। जबकि ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को किरंदुल थाने में युवक-युवती को छुड़ाने आए ग्रामीणों के दबाव में हड़मा ने सरेंडर किया है। किरंदुल थाना क्षेत्र के मलांगिर एरिया कमेटी में सक्रिय जनमिलिशिया कमांडर बुधवार की दोपहर एसपी कार्यालय में समर्पण किया। उसने बताया कि नक्सली लीडर देवा ने उसे 2007 में बाल संघम में भर्ती कराया। इसके बाद नक्सली हेमला विनोद ने उसे जनमिलिशिया सदस्य और बाद में कमांडर बनाया। पुलिस के मुताबिक 13 मई 2012 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के बोलेरो पर अंधाधुंध फायरिंग में हड़मा शामिल था। इस वारदात में सीआईएसएफ के एक प्रधान आरक्षक और पांच आरक्षक तथा वाहन चालक घायल हुए थे। इसके बाद 13 अप्रैल 2015को चोलनार कैंप से निकली एंटी लैंड माइन व्हीकल को विस्फोट में नक्सलियों ने उड़ाया था। इस घटना में पांच जवान शहीद और सात घायल हुए थे। 16 जून 2017 को चोलनार सरपंचपारा में छन्नू पिता पोदिया मंडावी को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या, 4 फरवरी 2018 को मिक्सर मशीन में आगजनी, 20 मई 2018 को चोलनार- पेरपा चौक में पुलिस वाहन को विस्फोट से उड़ाने में शामिल था। इस घटना में छह जवान शहीद और एक घायल हुआ था। इसी तरह हाल ही में 24 नवंबर 2019 में एसपी-3 में कार्यरत 9 वाहन, 2019 में ही एस्सार कंपनी के करीब 4 वाहन और 2018 में बचेली के माइनिंग एरिया में ट्रकों को आग लगाकर क्षति पहुंचाने वाली घटनाओं में शामिल था। हड़मा के आत्समर्पण से फोर्स को नक्सलियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की बात एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने कही है। एसपी पल्लव ने बताया कि शासन की नीतियों के तहत हड़मा पर एक लाख रूपए का इनाम था। समर्पण पर बुधवार को उसे 10 हजार रूपए नगद प्रोत्साहन राशि दिया गया है।