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नवादपुरा, महात्मा गांधी के आदर्शों के मुताबिक जीने की कोशिश में जुटा हुआ है…

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देशभर में जब इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है, उस दौरान धार जिले के निसरपुर ब्लॉक का छोटा-सा गांव नवादपुरा सही मायनों में महात्मा गांधी के आदर्शों को जीने की कोशिश में जुटा हुआ है। यहां ग्रामीणों द्वारा बनाए गए फाउंडेशन के सहयोग से दांडी यात्रा की प्रतिकृति का निर्माण किया जा रहा है। यही नहीं वे उनके द्वारा दिए गए सूत्रों को भी गांव में अमल में लाने की कोशिश जुटे हैं। सरदार सरोवर बांध बैक वाटर से महज 3 किमी की दूरी पर बसे 1600 की आबादी वाले गांव नवादपुरा में 2014 में ग्राम पंचायत निर्विरोध चुनी गई थी। इसके बाद यहां पर विकास की शुरुआत की गई। इसके तहत 2017 में गांव ओडीएफ हुआ। साथ ही पूरे गांव के सभी मकानों को गुलाबी रंग में रंगा गया।

उसके बाद गांव में स्वच्छ पानी के लिए आरओ के साथ पानी का एटीएम लगाया गया। मूलभूत सुविधाओं के बाद शुरू हुई गांव में बदलाव लाने की पहल। इसके लिए पंचायत ने सांवरिया सेठ के मंदिर को चुना। गांव के इस मंदिर के नाम से सांवरिया फाउंडेशन बनाया गया। गांव के कमल पटेल ने बताया सांवरिया सेठ मंदिर से जो भी दान आता था वह फाउंडेशन में जमा होने लगा। सबसे पहले गांव में दो आधुनिक वातानुकूलित स्मार्ट आंगनबाड़ी बनाई गईं। इनमें बच्चों के लिए छोटा-सा स्वीमिंग पूल बनाया गया। इसके साथ माध्यमिक स्तर तक के स्कूल को स्मार्ट बनाया गया। फाउंडेशन की मदद से शासकीय स्कूल में चार शिक्षकों की नियुक्ति कर इसे भी स्मार्ट बनाया गया। स्कूल में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को प्रायवेट स्कूलों की तरह प्रति विद्यार्थी दो-दो ड्रेस व जूते निशुल्क दिए जाते हैं। इसके लिए गांव में घरों के बाहर 40 स्वतंत्रता सेनानियों की बड़ी पेंटिंग बनाई गई। सेनानी की जयंती पर वहां जाकर कार्यक्रम किया जाता है।

साथ ही माध्यमिक स्कूल में शहीद मंदिर का निर्माण कर शहीदों के तैल चित्र रखे गए हैं। चौपाल पर भारत माता व स्कूल में सरस्वती माता का छोटा-सा मंदिर बनाया गया है। अब एक लाख की राशि से गांधीजी की दांडी यात्रा की मूर्तियां, जो पुराने नोट में नजर आती थीं, उन्हें बनाया जा रहा है। गांव में कई बार किसी बात को लेकर विवाद होता है, उसे चौपाल पर बैठकर सुलझाने की पहल होती है। कई बार आदिवासी परंपरा में लड़के-लड़िकयों के भागने के बाद उनका झगड़ा खत्म किया जाता है। ऐसे में जो राशि का लेन- देन होता है उसमे से 20 फीसदी राशि सांवरिया फाउंडेशन में दी जाती है। इससे गांव का विकास किया जाता है। 2018 में गांव के सभी लोगों ने अपने करों का भुगतान किया। इससे गांव में चारों और 14 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। उन्हें गांव की चौपाल पर लगे टीवी से जोड़ा गया है।

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