जगदलपुर । सुकमा जिले के धुर नक्सल इलाके के दो सीआरपीएफ कैंपों की निगरानी नक्सली ड्रोन से कर रहे हैं। सितंबर और अक्टूबर के महीने में दो बार किस्टारम और पालोडी कैंप के ऊपर ड्रोन को देखा गया। जवान जब तक समझ पाते ड्रोन गायब हो गया था। यह जानकारी सामने आते ही बस्तर में फोर्स को एक नई चुनौती के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि अब तक लैंड माइंस का ही खतरा था, अब ड्रोन पर भी निगरानी रखने की स्ट्रेटजी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि ड्रोन देखने के बाद समूचे इलाके में सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है, हालांकि अब तक उसका कंट्रोल कहां था यह पता नहीं लग पाया है। उस इलाके में आदिवासियों के पास ड्रोन का इंतजाम करने लायक संसाधन नहीं हैं, इसलिए माना यही जा रहा है कि उसका इस्तेमाल नक्सली फोर्स की गतिविधि जानने के लिए कर रहे हैं। जवानों के मुताबिक लाल और सफेद लाइट वाले ड्रोन को उन्होंने उसकी आवाज से पहचाना।
इससे पहले कि जवान शूट करने के लिए पोजिशन ले पाते ड्रोन गायब हो गया था। किस्टारम और पालोडी कैंप एक ही इलाके में हैं। पिछले साल ही फोर्स ने किस्टारम से अंदर 12 किमी अंदर नक्सली मांद में घुसकर पालोडी में कैंप बनाया। इससे बौखलाए नक्सलियों ने 23 मार्च 2018 को किस्टारम से पालोडी जा रहे सीआरपीएफ के वाहन को ब्लास्ट से उड़ा दिया था जिसमें नौ जवान शहीद हुए थे। आईजी ने कहा कि कैंप के ऊपर कोई अवांछित चीज उड़ेगी तो उसे शूट करने का निर्णय जवान ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच लगातार की जा रही है। इसी सिलसिले में मुंबई एयरपोर्ट पर बगैर कस्टम क्लियरेंस के सौ से ज्यादा ड्रोन ले जाते हुए एक व्यक्ति को सेंट्रल एजेंसियों ने पकड़ा है। हालांकि उसका यहां से कोई कनेक्शन है या नहीं यह पता नहीं लग पाया है।