महिला के अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद अस्थि संचय करने गए परिजन हैरान रह गए। कमर की अस्थियों के पास उन्हें सर्जिकल ब्लेड पड़ा मिला। इस पर परिजन ने जिला अस्पताल व सिम्स के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाने हुए तारबाहर थाने में शिकायत की है। इसमें बताया गया है कि महिला का जिला अस्पताल सिजेरियन और सिम्स में आपरेशन हुआ था। उन्होंने सर्जन के दौरान पेट में ब्लेड छोड़ने के कारण मौत होने की बात कही है। सीपत के ग्राम खैरा (ल) निवासी तिहारुराम केंवट ने पुलिस को शिकायत में बताया है कि उसकी पत्नी हेमलता केंवट को छह अप्रैल 2019 को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। ऑपरेशन के माध्यम से उसने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने हेमलता को कॉपर-टी लगा दिया।
आठ महीने बाद 11 नवंबर को हेमलता के पेट में असहनीय दर्द होने लगा। उसे तत्काल जिला अस्पताल लाया गया। जहां हेमलता को पहले दर्द निवारक इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद कॉपर-टी निकालने की कोशिश की गई। लेकिन कॉपर-टी नहीं निकाल पाया। इसके बाद डॉक्टरों ने सबकुछ सही होने की बात कहकर घर भेज दिया। लेकिन इसी रात फिर से पेट में असहनीय दर्द होने लगा। 12 नवंबर को फिर उसे जिला अस्पताल लगाया गया। सोनोग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने स्थिति गंभीर बताते हुए तत्काल सिम्स रैफर कर दिया। सिम्स में 13 नवंबर को ऑपरेशन किया गया। इसके बाद हेमलता को होश नहीं आया। डॉक्टरों ने जानकारी दी हालत नाजुक है। देर रात हेमलता की मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार गांव में 14 नवंबर को किया गया। 16 नवंबर को पति के साथ अन्य परिजन हेमलता का अस्थि संचय कर रहे थे, इसी दौरान कमर की हड्डी के पास सर्जिकल ब्लेड मिला। परिजन का कहना है कि जिला अस्पताल या सिम्स में आपरेशन के दौरान ब्लेड महिला के पेट में छोड़ दिया गया था। इसकी वजह से उनकी मौत हुई है।
उन्हें पुलिस को दी शिकायत में सिम्स व जिला अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने की मांग की है। परिजन का आरोप है कि 11 नंवबर को पेट में दर्द उठने के बाद जिला अस्पताल और बाद में सिम्स में इलाज चल रहा था। इस दौरान किसी भी डॉक्टर ने यह नहीं बताया कि हेमलता को बीमारी क्या है। सिम्स में ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने परिजन को सीधे हालत गंभीर बता दिया। जबकि हेमलता को सिर्फ पेट में दर्द की शिकायत थी। वह कॉपर-टी निकलवाना चाहती थी। जिला अस्पताल में जांच के दौरान डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराने के लिए निजी सोनोग्राफी सेंटर भेजा था। रिपोर्ट आने पर बीमारी के बारे में कुछ भी बताए बिना सिम्स रिफर कर दिया। परिजन को आशंका है कि इन डॉक्टर को पेट में सर्जिकल ब्लेड होने का पता चल गया था। इसी वजह से उसे सिम्स रिफर कर दिया। या फिर सिम्स में ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतते हुए पेट में सर्जिकल ब्लेड छोड़ दिया गया होगा। तिहारूराम केंवट ने बताया कि उनकी पत्नी हेमलता के प्रसव के बाद कापर-टी लगा दिया गया। जबकि कापर-टी लगाने की जानकारी भी नहीं दी गई और न ही सहमति ली गई थी। जबकि नियमानुसार सहमति लेना जरूरी है। परिजन ने महिला की अस्थियों के बीच सर्जिकल ब्लेड मिलने की शिकायत की है। उनके अनुसार डॉक्टरों द्वारा ब्लेड पेट में छोड़ दिया गया था, जिससे उसकी मौत हुई। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।