बिलासपुर। सिम्स को स्थापना के बाद पहली बार एक साथ छह पीजी की सीटें मिली हैं। इसमें दो सीट एमएस ईएनटी और चार सीटें एमडी बायोकेमेस्ट्री की हैं। इससे पहले तीन विभागों को मिलाकर कुल छह सीटें पीजी की उपलब्ध थीं। अब नई सीटों के लिए अनुमति मिलने के बाद सिम्स में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए 12 सीट मिल गई हैं। सिम्स डीन के डीन डॉ. पीके पात्रा ने बताया कि बीते 21 सितंबर को एमसीआइ की टीम ने ईएनटी विभाग में स्नातकोत्तर की सीट के लिए निरीक्षण किया था। इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद एमसीआइ ने ईएनटी विभाग में पीजी की दो सीटों के लिए स्वीकृति दी है। इसके साथ ही सिम्स अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। ईएनटी विभाग में मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टरों की कमी दूर होगी। वहीं आधुनिक ऑपरेशन के साथ ही नवीन उपचार भी संभाग के मरीजों को मिल सकेगा।
डॉ.पात्रा ने बताया कि बायोकेमेस्ट्री के लिए एमसीआइ की टीम ने 24 सितंबर को निरीक्षण किया था। इसके बाद इस विषय में चार सीटों के लिए स्वीकृति दी गई है। इस स्वीकृति के साथ मरीजों को विभिन्न जांच के डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी। सिम्स में पहले से ही पीएसएम विभाग में एक, एनाटॉमी विभाग में तीन और एफएमटी विभाग में दो सीटों पर पीजी की पढ़ाई चल रही है। वर्तमान में एमसीआइ से छह सीटों पर स्वीकृति मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज में 12 सीटों पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई होगी। इससे मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी दूर होगी। साथ ही मरीजों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। सिम्स के डीन डॉ.पात्रा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की ओर से शिशु रोग, नेत्ररोग, पैथोलॉजी, फार्मोकोलॉजी और माइक्रो बायोलॉजी विषय में पीजी की सीट के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सिम्स में आवश्यक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि शीघ्र ही इन विषयों में पीजी की सीट के लिए स्वीकृति मिल सकती है।