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मुख्य सचिव ने जिलों के आंकड़ों और रिपोर्ट का अपनी रिपोर्ट से शुरू किया मिलान…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने गुरूवार को प्रशासन के मैदानी अमले की राजधानी में बैठक ली। 14 दिन पहले मुख्य सचिव बने मंडल ने अपनी पहली ही क्लास में कलेक्टरों की नब्ज पकड़ ली। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं पर फोकस करते हुए जब मुख्य सचिव ने जिलों के आंकड़ों और रिपोर्ट का अपनी रिपोर्ट से मिलान शुरू किया तो कई अफसरों के चेहरों की हवाईयां उड़ने लगीं। गोलमोल जवाब देने वाले कलेक्टरों को डांट भी पड़ी। सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान सीएस ने कलेक्टरों को न केवल कामकाज बल्कि प्रशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का तरीका भी समझाया। इस दौरान सीएस ने सुकमा और सूरजपुर में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा हुई तो स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और कृषि के लिए कोंडागांव कलेक्टर की पीठ थपथपाई।

सीएस ने बैठक में मौजूद चार संभाग कमिश्नरों को सक्रियता और बढ़ाने की नसीहत दी। मुख्य सचिव मंडल ने गुस्र्वार को राजधानी के नए हाऊस सर्किट हाउस में प्रदेश के सभी संभागायुक्त, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में सभी विभाग प्रमुख भी मौजूद थे। तीन सत्रों में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव ने बारी-बारी से योजनाओं और कार्यों की समीक्षा की। सूत्र बताते हैं कि बैठक की शुरूआत में ही मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की लिखी चिट्ठियों का संदर्भ देते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्ती दिखाते हुए सरकारी कार्यालयों में आने-जाने का वक्त तय करने, आम जनता की सुनवाई होने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरूस्त किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक को रोकने के लिए सभी कमिश्नरों को निरंतर मॉनिटरिंग करने और धान खरीदी में कोचियों और बिचौलियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही करने को कहा। खरीद केंद्रों का रोज सत्यापन हो। सीएस ने कहा कि वे हर 15 दिन में धान खरीदी की समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव ने बारिश के दौरान प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त सड़कों का शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए हैं।उन्होंने स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रदेश के पांच शहरों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और कोरबा की सफाई व्यवस्था का समीक्षा की। शहरी क्षेत्रों में करीब 23 हजार से अधिक और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार 249 आबादी पट्टों का शत-प्रतिशत वितरण 25 नवंबर तक कराने, आबादी-नजूल भूमि पट्टो का फ्री-होल्ड कराने, नियमितिकरण के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कराने और दो वर्षो से लंबित विवादित नामांतरण के प्रकरणों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। सभी कमिश्नरों को सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा, देश के कुल 112 आकांक्षी जिलों में से छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में कोंडागांव, सुकमा और कांकेर का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर है। उन्होंने बाकी जिलों के संभागायुक्त, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश दिए। प्रगति की समीक्षा और लक्ष्य को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि संस्थागत प्रसव शत-प्रतिशत हो। दूरस्थ तथा अंदरूनी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने कहा। बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश में वन विभाग हर वर्ष लगभग 7 से 8 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार करता है। इसके लिए अब प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों और वनांचल के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बांस अथवा दोना-पत्तल द्वारा नर्सरी तैयार की जाएगी। इसके अलावा तीन लाख ट्री-गार्ड में लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा, बल्कि अब ट्री-गार्ड का निर्माण बांस से ही किया जाएगा। इससे वनांचल सहित मैदानी क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी होगी।

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