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मोटापा कम करने के लिए लोग करवा रहे हैं बैरिऐट्रिक सर्जरी…

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इन दिनों मोटापा कम करने के लिए बिना डायटिंग या एक्सरर्साइज की मेहनत किए बड़ी संख्या में लोग बैरिऐट्रिक सर्जरी करवा रहे हैं जिसे साधारण शब्दों में वेट लॉस सर्जरी भी कहते हैं। बाहर देखने में यह सर्जरी भले ही बहुत आकर्षक लगे लेकिन आगे चलकर इस सर्जरी की वजह से आपके शरीर को कई बड़े जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सही देखरेख के अभाव में बैरिऐट्रिक सर्जरी के बाद कई सालों तक मरीजों को कुपोषण और अन्य कई सारी शारीरिक दिक्कतें आ सकती हैं। बैरिएट्रिक सर्जरी का मतलब वजन कम करने के एक ऑपरेशन से है।

अकसर काफी लंबे समय से मोटापे का सामना करने वाले या मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को यह सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। वैसे तो बैरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्यतौर पर तीन का उपयोग करते हैं – रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग। सर्जरी से जठरांत्र क्षेत्र की संरचना में परिवर्तन लाया जाता है, जिसमें पेट और पाचनतंत्र भी शामिल रहता है। इस सर्जरी के बाद भूख कम लगने लगती है जिससे लोग भोजन का कम मात्रा में उपयोग करते हैं, जिससे वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है।

अब ऐसा करने के कई सारे साइड-इफेक्ट्स हैं जिनमें संक्रमण, अस्थि विकृति, रक्तल्पता, डायरिया, पोषण में कमी, पथरी, हार्निया, महिलाओं के लिए गर्भावस्था में परेशानी और समय से पहले बच्चे का जन्म जैसी कई समस्याएं शामिल हैं। दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार फैजल मुमताज के मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी या मेटाबॉलिक सर्जरी मूल रूप से वजन कम करने वाली एक सर्जरी है और डायबीटीज को ठीक करने में भी मददगार है। ये या तो प्रबिंधक या प्रतिबंधक का एक संयोजन और पोषण तत्वों का कम मात्रा में अवशोषक हो सकता है।

प्रतिबंधित बैरिएट्रिक सर्जरी पेट के आकार को कम कर देती है जिससे उपयोग की जाने वाली भोजन की मात्रा कम हो जाती है और कम खाने से ही पेट भरने लग जाता है। मुमताज ने आगे बताया, बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद, जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है। इसमें स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन का सेवन किया जाना चाहिए और एक संतुलित जीवनशैली अपनाई जानी चाहिए। वैसे और कोई खास सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, लेकिन बस एक बात दिमाग में रखने की जरूरत है और वह है व्यायाम और स्वास्थ्यवर्द्धक जीवनयापन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना।

हाल ही में क्लिनिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेप्टोलॉजी में छपे एक लेख के अनुसार शोधकर्ताओं को पता चला है कि रूक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास और वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी से शरीर में विटमिन बी12 और आयरन की कमी होती है। विटमिन बी12 से ग्रसित लोग न सिर्फ अनीमिया से जूझते हैं, बल्कि अवसाद, चिड़चिड़ापन और भूलने की समस्या भी उन्हें परेशान करती है। वहीं नई दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशिऐलिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट आर. पी. सिंह का कहना है कि किशोरों को इस तरह की वेट लॉस सर्जरी से बचना चाहिए।

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