अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला का बताया। वहीं मुस्लिमों को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का फैसला सुनाया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से धार्मिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली। मेरठ और मुजफ्फरनगर में मुस्लिमों ने फैसले के बाद जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आधार मानते हुए यह भी कहा कि अयोध्या में मस्जिद किसी खाली स्थान पर नहीं बनाई गई थी। अदालत ने अपने फैसले में विवादित जगह को रामलला का बताया। इसके बाद उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर जश्न देखा गया।
राज्य के मेरठ के मछेरान में जहां मुस्लिम समाज ने मिठाई बांटी, वहीं मुजफ्फरनगर में फैसला टीवी पर सुनते हुए सेल्फी भी ली। मेरठ के ही कस्बा हर्रा में भी लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटी। अयोध्या में हिंदुओं ने भी जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। हालांकि, अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से एहतियात बरतते हुए दुकानों को बंद कर दिया जिस कारण सड़कों पर सन्नाटा दिखा। कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 महीने के भीतर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन कर विवादित स्थान को मंदिर निर्माण के लिए देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया लेकिन केंद्र को आदेश दिया कि मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में उसे उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। मंदिर निर्माण कैसे होगा, यह बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज तय करेगा।