उज्जैन. कृषि उपज मंडी उज्जैन प्रदेश की एकमात्र ऐसी मंडी है जहां दीपावली मुहूर्त के सौदों में किसान को सोयाबीन के चार गुना से ज्यादा भाव मिलते हैं। करीब डेढ़ दशक से ऐसा होता आ रहा हैे। प्रशासन दस किसानों के नामों में से पहले भाग्यशाली किसान का चयन लॉटरी पद्धति से करता है। जिस किसान की ट्रॉली मुहूर्त में नीलाम होती है, उसे उपज के दाम अकल्पनीय मिलते हैं। इस दौरान कलेक्टर व एसपी भी मौजूद रहते हैं।
कृषि उपज मंडी में हर वर्ष दीपावली पर्व के बाद मुहूर्त के सौदे होते हैं। वरिष्ठ कारोबारी प्रकाश तल्लेरा के अनुसार अभी भी व्यापारिक क्षेत्र में वित्तीय वर्ष की शुरुआत दीपावली से मानी जाती है। मुहूर्त में खरीदी गई उपज वर्षभर खूब फलती फूलती है। यह भी मान्यता है कि मुहूर्त में खुले भाव सीजन के बाद व्यापारी को मिलने लगते हैं, ऐसा कई बार हुआ भी है। यह सिलसिला डेढ़ दशक से जारी है। बीते वर्ष भी प्रथम नीलामी में भाग्यशाली किसान का सोयाबीन 13013 रुपए क्विंटल बिका था। जबकि सामान्य भाव 3000 से 3200 रुपए क्विंटल चल रहे थे। यानी अन्नदाता को 30 क्विंटल सोयाबीन पर 3 लाख रुपए का दीपावली उपहार मिला। इस तरह डॉलर चना भी काफी ऊंचे भाव में बिकता है।
बरसों से चल रही परंपरा में शुरुआती सालों में एक सप्ताह पहले किसान अपनी उपज का आकर्षक भाव लेने के लिए बैलगाड़ियां प्रांगण में खड़ी कर देते थे। उस समय पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मुहूर्त की नीलामी होती थी।समस्या यह थी कि पहले आने वाले किसान की अधिकृत जानकारी मंडी प्रशासन को नहीं मिल पाती थी। इससे नीलामी के समय विवाद की स्थिति पैदा होने लगी। इससे निजात पाने के लिए प्रशासन ने लाटरी पद्धति से भाग्यशाली किसान के चयन का निर्णय लिया। इस वर्ष भी मंडी में बुधवार को मुहूर्त की नीलामी में सोयाबीन व डॉलर चने के भाव अन्नदाताओं को आकर्षक मिल सकते हैं।