इंदौर. सड़क किनारे घायल पड़े युवक को राजेंद्रनगर थाने की पुलिस मृत समझकर अस्पताल में छोड़ आई। रोजनामचे में अधूरी जानकारी लिख दी। न तो शिनाख्ती के प्रयास किए और न ही परिजन को तलाशा। राऊ थाना पुलिस ने तो गुमशुदगी लिखी और हाथ पर हाथ धर बैठ गई। चार दिन बाद सोशल मीडिया पर युवक का फोटो वायरल हुआ। परिजन ने पुलिस को बताया तो तलाश शुरू हुई और युवक एमवाय अस्पताल के आईसीयू में मिला। राऊ थाना क्षेत्र स्थित ब्रज विहार कॉलोनी निवासी 33 वर्षीय अमित राधेश्याम वर्मा कन्याशाला विद्यालय में चपरासी है।
शनिवार सुबह वह ड्यटी पर गया, लेकिन घर नहीं लौटा। रातभर परिजन तलाशते रहे और रविवार शाम पत्नी राधा बाई थाने पहुंची। यहां उसने अमित की गुमशुदगी दर्ज करवा दी। अफसरों ने कहा कि अमित कहीं चला गया होगा। अपने आप लौट आएगा। मंगलवार दोपहर एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें अमित स्ट्रेचर पर दिख रहा था। राधा राऊ थाने पहुंची और जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल धारा सिंह को वीडियो बताया। राधा ने अनहोनी की आशंका जताई तो पुलिस ने तलाश शुरू की। ब्रिज के पास पड़ा मिला तो अस्पताल छोड़ आए थे सिपाही हेड कांस्टेबल के मुताबिक अमित शनिवार को केशरबाग ब्रिज के समीप घायल अवस्था में मिला था। कंट्रोल रूम को मिली सूचना के बाद डायल- 100 का स्टाफ उसे जिला अस्पताल छोड़ कर आ गया। अस्पताल ने थाने को सूचना दी लेकिन अधूरी जानकारी लिखी। अन्य थानों को सूचना भी नहीं दी।
उधर, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अमित को एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया। राधा के मुताबिक अमित को वीडियो के आधार पर पहचाना। उसके सिर में चोट है। उसकी बाइक और मोबाइल गायब हैं। राधा ने आशंका जाहिर की कि उसे बदमाशों ने लूट के लिए पीटा है। राऊ थाना टीआई दिनेश वर्मा के मुताबिक राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने अस्पताल भिजवाया था, जांच भी वहीं करेंगे।