केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के कॉमन रिव्यू मिशन की टीम छत्तीसगढ़ के दौरे पर है। टीम राज्य में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेने पहुंची है। मंगलवार को पंचायत विभाग के अफसरों के साथ उनकी मिटिंग हुई। इस दौरान राज्य के अफसरों ने दूरस्थ अंचलों और बैकिंग सेवा की कमी वाले क्षेत्रों में पेंशन योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी। बताया कि बैंक सखी के माध्यम से पेंशन और मनरेगा मजदूरी की राशि लोगों के घर तक पहुंचाई जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बैंक सखी की वजह से छोटे-मोटे लेन-देन के लिए लोगों को बैंक तक का सफर नहीं करना पड़ता। साथ ही बुजुर्ग और चलने-फिरने में असक्षम लोगों तक पेंशन की राशि उनके घर जाकर दी जा रही है। बैंक सखी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। अधिकारियों ने मिशन को बताया कि ग्राम पंचायतों में पर्याप्त आबादी भूमि होने से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भूमिहीन हितग्राहियों को भी आसानी से दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ज्यादा सड़कों के निर्माण के साथ ही उनकी गुणवत्ता में भी छत्तीसगढ़ देश के अव्वल राज्यों में शुमार है।
इस योजना के तहत बनाई गई ऐसी सड़कें जिनके निर्माण को पांच वर्ष पूरे हो गए हैं, उनके रखरखाव और मरम्मत के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराए जाने का सुझाव अधिकारियों ने बैठक में दिया। अफसरों ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के कॉमन रिव्यू मिशन के राजकुमार दत्ता, डॉ. सुखविंदर सिंह जोहल और डॉ. रूबीना नुसरत पांस से 11 नवंबर तक राज्य के दौरे पर रहेंगे। मिशन रायपुर, कोरबा और बस्तर जिलों में ग्रामीण इलाकों का भ्रमण कर योजनाओं की जमीनी हकीकत से भी रू-ब-रू होगी। बैठक में राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू, सचिव एवं मनरेगा आयुक्त टीसी महावर समेत अन्य अफसर मौजूद थे।