शादी को तीन साल हो गए, एक बच्चा भी साल भर का हो गया, लेकिन अभी तक अंतर्जातीय विवाह करने वाले कई जोड़ों को सरकार द्वारा दी जाने वाली ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाई है। राजधानी से महज 20-25 किलोमीटर दूर रहने वाले दो-तीन गांव के करीब 7 जोड़े प्रोत्साहन राशि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आवेदन देने के बाद कई बार कलेक्टर ऑफिस के चक्कर लगाकर गुहार कर चुके हैं। प्रोत्साहन राशि मिलने का इंतजार कर रहे जोड़ों ने एक साल तक भी राशि नहीं मिलने पर कलेक्टर, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा। शिकायत को एक साल बीत जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। 26 मई 2016 को आवेदन देने के बाद भी जब राशि नहीं मिली तब 28 जून 2017 को फिर शिकायत की गई। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ अस्पृश्यता निवारणार्य अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना नियम 1978 (यथा संशोधित नियम 2019) के अनुसार अंतर्जातीय विवाह करने वाले दंपतियों को 2 लाख 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किया जाना है। सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और जाति-पाति के भेद को खत्म करने के उद्देश्य से सरकार ने दूसरी जाति (अंतर्जातीय) में विवाह को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। योजना के अनुसार दंपती को एक लाख रुपये संयुक्त बैंक खाते में और बाकी डेढ़ लाख रुपये दंपती एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के संयुक्त खाते में तीन साल के लिए फिक्स डिपॉजिट होना है। इसके बाद दोनों की उपस्थिति में राशि मिलनी है। किसी एक की मृत्यु होने पर जीवित सदस्य को राशि मिलेगी। यदि पांच साल के भीतर विवाह विच्छेद हो जाता है तो सरकार दी गई प्रोत्साहन राशि को भू-राजस्व की तरह वापस लेगी।