ग्वालियर। ढाई माह की भूमि की मौत कैसे हुई, इसकी वास्तविकता का पता लगाने के लिए 6 दिन बाद उसके शव को श्मशान घाट से निकाला गया। जनकगंज थाने की पुलिस ने शुक्रवार को तहसीलदार की मौजूदगी में चार शहर के नाका मुक्तिधाम में दफन शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव का डॉक्टरी परीक्षण कराने के बाद बच्चे के शव फिर से दफन करने के लिए परिजनों को सौंप दिया। भूमि के माता-पिता का आरोप है कि किलकारी नर्सिंगहोम में गलत इलाज के कारण उनकी बच्ची की मौत हुई है। विधायक प्रवीण पाठक व डॉक्टर के दबाव के कारण थाने में शिकायत नहीं कर पाए थे। बच्ची का शव दफन करने के 2 दिन बाद पीड़ित माता-पिता एडीजीपी राजाबाबू सिंह बंगले पर धरना देने पहुंच गए थे। एडीजीपी के निर्देश पर जनकगंज थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर दफन शव को बाहर निकालकर पीएम कराने की कार्रवाई की है। जनकगंज थाने के टीआई ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि बच्ची के पीएम रिपोर्ट से मौत का कारण पता चल सकेगा। दूसरी तरफ माता-पिता ने उम्मीद जताई है कि उन्हें अब न्याय मिल सकेगा।
किलकारी से किया था रैफर, केआरएच में हुई थी मौत-खिड़की मोहल्ला (हजीरा) निवासी मुकेश कुशवाह व जयमाला कुशवाह की ढाई माह की बच्ची भूमि की हालत अचानक 26 अक्टूबर को बिगड़ गई थी। माता-पिता ने पहले बच्ची को इलाज के लिए हजीरा में एक डॉक्टर को दिखाया। उसके बाद उसे इलाज के लिए नई सड़क स्थित किलकारी नर्सिंगहोम ले आए।
यहां भूमि को भर्ती करा दिया, लेकिन डॉक्टर ने बच्ची को केआरएच के लिए रेफर कर दिया। केआरएच में बच्ची की मौत हो गई। केआरएच बच्ची का परीक्षण करने वाले डॉक्टरों ने माता-पिता से कहा कि अगर समय पर बच्ची को यहां ले आते तो शायद जान बच सकती थी।आरोप- गलत इलाज के कारण हुई मौत. माता-पिता केआरएच से बच्ची के शव को लेकर किलकारी नर्सिंगहोम पहुंच गए। नर्सिंगहोम के संचालक डॉ राहुल सप्रा आ गए। हंगामा होने की सूचना मिलते ही विधायक प्रवीण पाठक व जनकगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। लेकिन माता-पिता को समझा बुझाकर वहां से रवाना कर दिया। दुखी माता-पिता ने बच्ची के शव का अंतिम संस्कार करते हुए चार शहर का नाका मुक्तिधाम में बच्ची के शव को दफना दिया। इसके बाद माता-पिता न्याय के लिए एडीजीपी के बंगले पर धरना पर बैठ गए।