कृषि विभाग या वैज्ञानिकों की अनुशंसा के बगैर करीब 40 करोड़ की सी वीड जेल, सी वीड एक्सट्रैक्ट खरीदी मामले में 21 जिलों के डिप्टी डायरेक्टरों को दोषी पाया गया है। कृषि संचालनालय ने जांच के बाद शासन को कार्रवाई के लिए फाइल भेजी है। जिन डिप्टी डायरेक्टरों के खिलाफ गड़बड़ी सामने आई है, उनमें से चार को प्रमोट कर ज्वाइंट डायरेक्टर बना दिया गया है। इसमें दो की मौत हो गई है, जबकि तीन रिटायर हो गए हैं। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कृषि विभाग में कार्रवाई की तैयारी है। इससे निचले स्तर तक हड़कंप मचा है।
किसानों को जिन खाद व केमिकल की बिक्री की जाती है, उसकी पहले कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय या वैज्ञानिकों से परीक्षण कराया जाता है। खेती में फायदेमंद खाद-बीज या केमिकल की ही खरीदी की अनुमति दी जाती है। इसके विपरीत करीब 21 जिलों में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टरों ने सी वीड जेल और एक्सट्रैक्ट की खरीदी की। विभाग ने इन उत्पादों की खरीदी के लिए कोई अनुशंसा ही नहीं की थी। डिप्टी डायरेक्टरों ने कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए करीब 40 करोड़ के ये उत्पाद खरीद लिए। इसका किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। जांच के बाद अब जाकर संचालनालय ने कार्रवाई के लिए लिखा है।
जांच के दौरान कर दिया प्रमोशन
करोड़ों रुपए की अनियमित खरीदी के मामले में जिन अधिकारियों पर आरोप था, उन्हें जांच के दौरान ही प्रमोशन भी दे दिया गया। इनमें संचालनालय स्तर के कुछ अधिकारियों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जिन अधिकारियों का प्रमोशन हुआ है, उन्हें डिमोट करने के साथ ही वसूली भी की जा सकती है। इसके अलावा बाकी के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ वेतनवृद्धि भी रोकी जा सकती है। इस हफ्ते विभाग की ओर से कार्रवाई होने के संकेत हैं। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने विधानसभा में सी वीड जेल और एक्सट्रैक्ट की खरीदी में हुई अनियमितता का मामला उठाया था। 2014-15 से लेकर 2017-18 के बीच खरीदी हुई थी। इस पूरे मामले की जांच के बाद विभागीय अधिकारियों ने जिलों में पदस्थ 21 डिप्टी डायरेक्टरों को अनियमित खरीदी का दोषी पाया है। इस मामले में कृषि संचालक ने एसीएस को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।