कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद और सीसीडी यानी कैफ़े कॉफ़ी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ 29 जुलाई से ग़ायब थे। सेंथिल एस के अनुसार, सिद्धार्थ 29 जुलाई को नेत्रावती नदी के ब्रिज से ग़ायब हुए थे और 31 जुलाई को हुइगेबाज़ार में नदी के तट से उनका शव बरामद हुआ। हुइगेबाज़ार के पास सर्च टीम 30 जुलाई की रात से ही खोज में तैनात हो चुकी थी। यह खोज स्थानीय मछुआरों के कहने पर शुरू किया गया था। प्रशासन का कहना है कि शव से जुड़ी बाक़ी की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। सर्च टीम ने मछुआरों के कहने पर खोज करने का लोकेशन चुना था। पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल का कहना है कि सिद्धार्थ के परिवार वालों को सूचित कर दिया गया है और शव को वेनलॉक हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है। सिद्धार्थ के शव को चिकमंगलूर ज़िले में मूडीगेरे के चटना हली लाया जाएगा।
सिद्धार्थ आर्थिक संकट से जूझ रहे थेण् सिद्धार्थ ने एक पत्र में लिखा था कि अब मैं दबाव नहीं झेल सकता हूं। क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ़ से भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पहले इस बात को लेकर संदेह था कि क्या यह पत्र सिद्धार्थ ने ही लिखा है, पुलिस का कहना है कि पत्र सिद्धार्थ के द्वारा ही लिखा गया है। सिद्धार्थ ने इस पत्र में लिखा है, ‘लाख कोशिश के बावजूद मैं फ़ायदे वाला कारोबार नहीं खड़ा कर सका।‘ सीसीडी पर पिछले 12 महीने में छोटी अवधि का क़र्ज़ बेतहाशा बढ़ा था। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 29 जुलाई को ग़ायब होने से पहले सिद्धार्थ ने 16,00 करोड़ रुपए के क़र्ज़ लेने की कोशिश की थी। लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार सीसीडी पर 2000 करोड़ रुपए का क़र्ज़ सवालों के घेरे में था। जनवरी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माइंड ट्री के 20 लाख शेयर को अटैच किया था। सितंबर 2017 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सिद्धार्थ के कई ठिकानों पर छापा मारा था।
बेंगलुरु से सिद्धार्थ ने 1996 में सीसीडी की शुरुआत की थी। बढ़ते क़र्ज़ के कारण सिद्धार्थ ने इस साल अपनी कई संपत्तियां बेची थीं। सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत एक बैंकर के तौर पर की थी। वीजी सिद्धार्थ आर्मी में जाना चाहते थे।