वशिष्ठ टाइम्स।। रवि शर्मा।
कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड में रेंजरों को भ्रष्टाचारी का चरम सीमा पर फर्जी बिल लगा कर पैसा निकाला जा रहा है, जबकि शासन रेंजरों को इतनी वेतन देती है फिर भी गाड़ी की डीजल, तालाब मजदूरी और जंगल के वृक्ष में कटवाने का पैसा लेते है इनका व्यवरा लिया जाये तो ये बड़े-बड़े मकान बनाये बैठे है। प्रशासन को धोका देने में नहीं चुकते। कुछ जगह तो ऐसा भी किया गया है कि मजदूरों से काम करवाने के बाद उनका भुगतान नहीं किया गया है। आज देखा जाये रेंजर करोड़ों के आसामी बने हुए है। सोनहत में जितने पौधे लगाने के लिए गढ़ढे बताते है उतना सिर्फ उनके काजगों पर ही सीमित है उदा. के लिए एक तालाब को 2-3 बार गहरीकरण किया गया। सोचने वाली बात है ये रेंजर है कि डकौत? राज शासन ऐसे रेंजरों की जांच कर सक्त कार्यवाही करे।