चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने के लिए विशेष विधि का पालन किया जाता है। इस दौरान, मां दुर्गा की पूजा करने के लिए गंगाजल, पुष्प, धूप, दीप और प्रसाद का उपयोग किया जाता है। मां दुर्गा की पूजा करने से पहले, व्यक्ति को अपने हाथों को धोना चाहिए और अपने शरीर को साफ करना चाहिए। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान, मां दुर्गा की पूजा करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। सुबह के समय मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि और सुख प्राप्त होता है।
मां शैलपुत्री की आरती:
नमो नमो शैलपुत्री भक्तों की रक्षक,
तुम्हारी महिमा अपरम्पार है,
तुम्हारे चरणों में हमारा प्रणाम है,
तुम्हारी कृपा से हमारा जीवन सुखमय है,
तुम्हारी शक्ति से हमारे दुख दूर होते हैं,
तुम्हारी महिमा से हमारे जीवन में प्रकाश होता है,
तुम्हारी आराधना से हमारे जीवन में सुख समृद्धि आती है,
तुम्हारी कृपा से हमारे जीवन में हर्ष और उल्लास होता है,
नमो नमो शैलपुत्री भक्तों की रक्षक,
तुम्हारी महिमा अपरम्पार है,
तुम्हारी आराधना से हमारे जीवन में शक्ति और सामर्थ्य आता है,
तुम्हारी कृपा से हमारे जीवन में सुख और समृद्धि होती है,
नमो नमो शैलपुत्री भक्तों की रक्षक,
तुम्हारी महिमा अपरम्पार है।
नवरात्रि में जौ से जुड़े कुछ खास उपाय
1. जौ की बुआई: नवरात्रि के पहले दिन जौ की बुआई करें। यह उपाय घर में समृद्धि और सुख को बढ़ाता है।
2. जौ का जलाभिषेक: नवरात्रि के दौरान जौ को जल में भिगोकर देवी मां को जलाभिषेक करें। यह उपाय देवी मां की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।
3. जौ की माला: नवरात्रि के दौरान जौ की माला बनाकर देवी मां को अर्पित करें। यह उपाय देवी मां की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।
4. जौ का हवन: नवरात्रि के दौरान जौ का हवन करें। यह उपाय घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।
5. जौ की पूजा: नवरात्रि के दौरान जौ की पूजा करें। यह उपाय देवी मां की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।
इन उपायों को करने से नवरात्रि के दौरान देवी मां की कृपा प्राप्त होती है और घर में समृद्धि और सुख की वृद्धि होती है।
चैत्र नवरात्र की तिथि
1- पहला दिन (30 मार्च): मां शैलपुत्री पूजा, प्रतिपदा तिथि
2- दूसरा दिन (31 मार्च): मां ब्रह्मचारिणी पूजा, द्वितीया तिथि
3- तीसरा दिन (1 अप्रैल): मां चंद्रघंटा पूजा, तृतीया तिथि
4- चौथा दिन (2 अप्रैल): मां कूष्मांडा पूजा, चतुर्थी तिथि
5- पांचवा दिन (3 अप्रैल): मां स्कंदमाता पूजा, पंचमी तिथि
6- छठा दिन (4 अप्रैल): मां कात्यायनी पूजा, षष्ठी तिथि
7- सातवां दिन (5 अप्रैल): मां कालरात्रि पूजा, सप्तमी तिथि
8- आठवां दिन (6 अप्रैल): मां महागौरी पूजा, अष्टमी तिथि
9- नौवां दिन (7 अप्रैल): मां सिद्धिदात्री पूजा, नवमी तिथि और नवरात्रि पारण
मां शैलपुत्री को लगाएं इन चीजों का भोग
– गुड़: मां शैलपुत्री को गुड़ का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
– मिश्री: मिश्री का भोग लगाने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं।
– पंचमेवा: पंचमेवा में गुड़, मिश्री, बादाम, किशमिश और पिस्ता शामिल होते हैं। मां शैलपुत्री को पंचमेवा का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
– फल: मां शैलपुत्री को फलों का भोग लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है। आप उन्हें अपनी पसंद के फल जैसे कि सेब, केला या अनार का भोग लगा सकते हैं।
– दूध: मां शैलपुत्री को दूध का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
– शहद: मां शैलपुत्री को शहद का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं।
नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप
– मां दुर्गा का मंत्र: “ॐ श्री दुर्गायै नमः” या “ॐ दुर्गा देव्यै नमः” का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
– मां दुर्गा का नवार्ण मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
– मां दुर्गा का मूल मंत्र: “ॐ श्री दुर्गायै नमः” का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
– नवरात्रि मंत्र: “ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके” का जाप करने से नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
– मां दुर्गा का सिद्ध कुंजिका मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
इन मंत्रों का जाप करने से नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।