पत्रकार आये दिन पुलिस वालों के कृत्यों को पत्रकारिता के माध्यम से दर्शाता है। वहीं पुलिस विभाग की सच्चाई को प्रकाशित करने को लेकर पुलिस विभाग पत्रकारिता व पत्रकार के परिवारों पर निशाना साधा जाता है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। जहां एक मुस्लिम जो कि पूर्व में झारखण्ड का निवासी था। उसके द्वारा अपना आधार कार्ड बैकुण्ठपुर से कुछ ही साल पहले बनवाया गया है। जानकार सूत्र बताते है कि, वह मुस्लिम समुदायक का व्यक्ति है और अपने समुदाय में अच्छा पकड़ रखता है।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस के द्वारा एक पत्रकार परिवार के ऊपर झूठा मामला दर्ज किया है। जिसमें पुलिस द्वारा जो गवाहों के नाम लिखा गया है वह सभी गवाह कुम्भ के मेले में प्रयागराज गये हुए थे। तो किसके दबाव में झूठे गवाहो के नाम डाले गये है ? इससे साबित होता है कि, जो गवाह है वह भी अपराधि किस्म के बताये जाते है। जो कि एक बाहरी झारखण्ड के निवासी के रहने वाले का सहयोग कर रहे है। इसमें पुलिस का भी सहयोग है। जो कि फर्जी ढंग से मामला दर्ज किया गया। क्योंकि कुछ पत्रकार पुलिस वालों के खिलाफ में आये-दिन समाचार छापते रहे है। उस समाचारों को लेकर पुलिस वाले द्वेषपूर्ण पत्रकार के परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। यह जांच का विषय है। क्योंकि घटना के समय बताया जा रहा है कि, गवाह प्रयागराज में थे तो पुलिस के द्वारा ऐसी कहानी क्यों बनाई गयी ?