छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला आज साहसिक पर्यटन के लिए एक नई पहचान बन चुका
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पिछले वर्ष से व्यापक प्रयास शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री साय ने जशपुर की प्राकृतिक संपदा और रोमांचक गतिविधियों की संभावनाओं को देखते हुए इसे साहसिक खेलों के एक नए केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीतियों के कारण, यह क्षेत्र अब न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है।
जशप्योर और पहाड़ी बकरा एडवेंचर द्वारा हाल ही में आयोजित एक बाइक ट्रिप ने पूरे देश भर के राइडर्स को आकर्षित किया। देशभर से आए इन साहसी बाइकर्स ने जशपुर की घुमावदार सड़कों, कठिन ट्रेल्स, और हरे-भरे जंगलों का रोमांचक अनुभव लिया। इन राइडर्स को हिमालय राज्य जैसे लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कठिन रास्तो पर बाइकिंग अनुभव प्राप्त है और उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की अनछुई प्राकृतिक सुंदरता को एक नए नजरिये से देखा। जशपुर का अनोखा प्राकृतिक आकर्षण जैसे रानी दह जलप्रपात, सारुडीह चाय बागान, किनकेल पाठ, चुरी और मक्करभज्जा जलप्रपात एवं यहाँ के जनजातीय संस्कृति एवं खाद्य उत्पाद उनके लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने। इसके अलावा, देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर में रॉक क्लाइम्बिंग एवं कैंपिंग तथा पंड्रापाठ में स्टार गेजिंग का रोमांचक अनुभव भी उनके लिए खास था।
मुख्यमंत्री साय का यह मानना है कि साहसिक खेल और पर्यटन केवल मनोरंजन के साधन नहीं हैं, बल्कि ये स्थानीय युवाओं के रोजगार का एक प्रमुख स्रोत भी बन सकते हैं। उनके मार्गदर्शन में स्थानीय युवाओं एवं जनजातीय लोगो को एडवेंचर खेलों की बारीकियों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चूका है। जशपुर के “देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर” में स्थानीय गाइडों की मदद से रॉक क्लाइम्बिंग का आयोजन हुआ, जो अब देशभर में एडवेंचर खेलों के शौकीनों के बीच चर्चा में है।
शुभम नामक एक अनुभवी रॉक क्लाइंबर ने बताया कि जशपुर का यह क्षेत्र अद्वितीय है। इसे देखकर समझ नहीं आता कि इतने सुंदर और साहसिक अनुभवों से लोग अनजान क्यों हैं। इस क्षेत्र को एडवेंचर पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान मिलना चाहिए। इस टूर के दौरान पंड्रापाठ और सन्नापाठ जैसे क्षेत्रों में स्टार गेजिंग की संभावनाएं भी उजागर हुई हैं। इस यात्रा के दौरान एक विशेष स्टार गेजिंग सत्र का भी आयोजन किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों ने खुली रात के आकाश में खगोलीय पिंडों को देखा और एस्ट्रोलॉजी के बारे में जाना। जशपुर का यह हिस्सा अब राष्ट्रीय स्तर पर स्टार गेजिंग के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में देखा जा रहा है, जो पर्यटकों को एक विशेष और अनोखा अनुभव देने की क्षमता रखता है।
बाइकर्स ने यहां के स्थानीय आदिवासी खान-पान और संस्कृति का भी आनंद लिया। जशप्योर द्वारा बनाये गए महुआ और मिलेट के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद, और आदिवासी घरों का दौरा कर उनके रहन-सहन और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानना, उनके लिए यादगार अनुभव रहा। अंतराष्ट्रीय पर्वतारोहण गाइड, एक्सट्रीम एडवेंचर स्पोर्ट ट्रेनर एवं जिला एडवेंचर टूरिज्म के सलाहकार के स्वप्निल राचेलवार ने कहा की यह क्षेत्र विविध सम्भावनावो से परिपूर्ण है। यहाँ के स्थानीय एवं जनजातीय लोग ऐसे खेलो में प्राकृतिक एवं मानसिक रूप से सशक्त होते हैं, और उचित मार्गदर्शन पाकर यहाँ से कई अन्तराष्ट्रीय स्तर के खिलाडी एवं पेशेवर गाइड उभर कर बहार आ सकते हैं। जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की इसी क्रमबद्ध पहल ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस क्षेत्र का विकास पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी संस्कृति के सम्मान के साथ हो। उनका सपना है कि जशपुर साहसिक खेलों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे और इसके माध्यम से स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाया जाए। जशपुर अब एडवेंचर खेलों का छत्तीसगढ़ में एक नया केंद्र बनकर उभर चूका है। यह न केवल केंद्रीय भारत बल्कि सपूर्ण राष्ट्र में एडवेंचर खेलों का हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है, जहाँ पर्यटक एक अलग और अनोखा अनुभव पा सकते हैं।