महामारी विशेषज्ञ एवं पब्लिक हेल्थ सलाहकार ने बताया की अगर आपको किसी भी जानवर द्वारा दांतो से काटा गया गया है, दांत या नाखून से स्क्रेच या किसी भी प्रकार का घाव लग गया है तो तुरंत उपचार करवाएं। ऐसे में रेबीज़ वायरस के संक्रमण का खतरा रहता है जोकि जानलेवा हो सकता है।
छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर 3 प्रतिशत से भी अधिक है। रेबीज़ बीमारी कुत्तों के काटने से सबसे अधिक होता है लगभग 97 प्रतिशत बाकि 3 प्रतिशत बिल्ली , बंदरों या अन्य जानवरो के काटने से होता है।
क्यों है खतरनाक रेबीज़
जानवरो के काटने का बाद वायरस डैमेज हुए त्वचा के तांत्रिक कोशिकाओं के माध्यम से दिमाग तक पहुंचता है और अपना असर दिखाता है। एक बार अगर लक्षण आ गए तो मरीज का बचना असंभव है। इसलिए यह रोग बहुत घातक माना जाता है।
क्या है लक्षण
संक्रमित जानवर के काटने के 30 दिनों से 90 दिनों या अधिकतम 6 वर्ष के अंदर भी मरीज में लक्षण दिखाई दे सकते है ।
1. हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना)
२. फोटो फोबिया ( प्रकाश से डर)
3. एयरोफोबिया (हवा से डर)
क्यों आवश्यक है टीका- एंटी रेबीज़ वैक्सीन
संक्रमित जानवर से संपर्क में आने के बाद यदि लक्षण दिख गए तो इलाज संभव नहीं, इसलिए बचाव के रूप में एंटी रेबीज़ वैक्सीन लगाना बेहद आवश्यक है ।
आजकल उपलब्ध टीका अत्यंत सुरक्षित है तथा शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध रहता है। पहले लगने वाले 14 इंजेक्शनों के बजाय आजकल मांसपेशियों में लगने वाला 5 टीका जिसे 0, 3,7,14 और 28वें दिन लगाया जाता है अथवा त्वचा में लगने वाला 4 टीका जिसे 0, 3, 7 और 28वें दिन लगाया जाता है, पूर्णतः सुरक्षित है।
तुरंत कटे हुए जगह को साबुन या डिटर्जेंट या एंटीसेप्टिक से बहते हुए पानी से धोएं और चिकित्सक के पास टीकाकरण हेतु पहुंचे। डॉक्टर द्वारा घाव को देखकर निर्णय लिया जाएगा की घाव कौन सी कैटेगरी का है।
कैटेगरी अंतर्गत जानवरों को छूना सहलाना प्यार करना भोजन देना बिना कटे त्वचा को चाटना आदि शामिल है , इसमें केवल संबंधित भाग को एंटीसेप्टिक से धोएं, टीका की आवश्यकता नहीं होती।
कैटेगरी।। अंतर्गत त्वचा में दांत या नाखून द्वारा खरोच, कुतरना, कट जाना, नोचना आता है इसमें घाव को धोकर पूरे डोज टीके की आवश्यकता होती है ।
कैटेगरी। में जानवर द्वारा गहराई से काटना जिसमे घाव से अधिक रक्तस्राव हो रहा हो आता है। इसमें घाव को धोकर पूरे डोज टीके के साथ इम्यूनोग्लोबुलिन सीरम की जरूरत होती है। सीरम 24 घंटे के भीतर लगाना चाहिए या अनुपलब्धता में अधिकतम 7 दिनों के भीतर।
पालतू और आवारा पशुओं को भी एंटी रेबीज़ टीका लगाया जाना चाहिए जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
स्वास्थ्य एवं पशुपालन विभाग के समन्वय से यह कार्य किया जा रहा है।
जानवरो द्वारा काटने/रेबीज़ से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप 9907539674 पर कॉल कर सकते है।
रणजीता स्टेडियम से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए लोगों को दिया स्वास्थ्य का संदेश
इस कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत शान्ति भगत, अध्यक्ष नगर पालिका राधेश्याम राम, उपाध्यक्ष नगरपालिका राजेश गुप्ता, जनप्रतिनिधि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में विभिन्न आयु वर्ग के साइकिल सवारों ने भाग लिया। जहां स्कूली बच्चों से लेकर शहर के नागरिकों तथा विभागीय अधिकारियों ने रणजीता स्टेडियम से लेकर जिला अस्पताल, महाराजा चौक, जैन मंदिर, बस स्टैंड होते हुए रैली का समापन रणजीता स्टेडियम में हुआ। रैली के दौरान प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व पर जोर देते हुए नारे लगाए। इस अवसर अपर कलेक्टर प्रवीण कुमार साहू, सीएमएचओ डॉ. घनश्याम जात्रा, डीपीएम गणपत नायक, ज़िला परियोजना समन्वयक शिशिर सिंह परमार एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक राशनकार्ड धारी परिवार को पात्रता अनुशार 50 हज़ार से 5 लाख तक का मुफ़्त इलाज प्रदान किया जाता है।
जिला प्रशासन और राहत बचाव दल लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा
लोगों से अपील पुल पुलिया के ऊपर से तेज बहाव में पार न करें
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जशपुर में वर्षा से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन और कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल जल से प्रभावित क्षेत्र में निगरानी बनाकर रखें राहत और बचाव दल लोगों को और किसानों के मवेशियों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा रहा है। कुनकुरी ईब नदी में फंसे मवेशियों को नगर सेना के जवानों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। जशपुर में पिछले 4 दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल और पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सभी अनुविभागीय अधिकारियों से जिले में हो रही बारिश की वजह से नदी-नालों में बहाव की स्थिति की लगातार जानकारी ले रहे हैं। इसके साथ ही जहां तेज बारिश की वजह से जिन नदी-नालों पर बने रपटा या पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है उस जगह पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश भी दिए हैं। नगर सेना के जवान राहत बचाव दल निरंतर लोगों की सहायता कर रहे और प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा रहा है।कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया के मरम्मत की आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर के निर्देश पर सभी एसडीएम नदी-नालों के जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहे हैं। कुनकुरी और दुलदुला तहसील में बारिश की वजह से किसी गांव में पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। तहसील कुनकुरी में ग्राम ढोढीडांड में ईब नदी में बने पुलिया के ऊपर से पानी बहने की वजह से पुलिया के दोनों तरफ बैरिकेट लगाया गया है और वहां पर सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। मौके पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। प्रशासन के द्वारा लोगों को नदी के आसपास नहीं जाने एवं पुल से आवागमन नहीं करने की अपील की गई है। अनुविभागीय अधिकारी जशपुर के अनुसार तहसील जशपुर अंतर्गत कोई भी पुलिया,पुल या रपटा क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। पटवारियों को मकानों एवं फसलों की क्षति का सर्वे कराने के साथ ही फील्ड में रहकर परिस्थितियों का आकलन कर तत्काल सूचित करने निर्देशित किया गया है। सोनक्यारी में 3 पुलिया टूटने के वजह से पुलिया के आसपास बेरिकेटिंग करवाई की गई है। कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। बगीचा के कलिया एवं गायलूगां में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर निर्मित पुल के दोनों ओर सड़क व मिट्टी का कटाव हुआ है। सरपंच को मिट्टी कटाव को भरने को कहा गया है। प्रशासन के द्वारा जानकारी दी गई है कि बच्छगांव-साहीडांड-सरकोम्बो होते हुए बगीचा वैक्लिपक मार्ग है। कलेक्टर ने संबंधित निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पुल,पुलिया रपटा को तत्काल मरम्मत तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर डॉ. मित्तल एवं पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह ने लोगों से अपील की है कि जिन रपटा या पुल-पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है उसे पार करने का जोखिम ना लें और बारिश से बचने के लिए किसी पेड़ का सहारा ना ले क्योंकि बारिश के दिनों में पेड़ में बिजली गिरने का खतरा बना रहता है। कलेक्टर डॉ. मित्तल ने किसी भी आपात स्थिति के लिए एनडीआरएफ को तैयार रहने के निर्देश दिए है। साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों को वर्षाजनित बीमारियों से बचाव के लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्ध्ता एवं किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर ने जल भराव की स्थिति निर्मित होने पर इसकी पूर्व तैयारी करते हुए विस्थापितों हेतु सुरक्षित आश्रय स्थल चिन्हांकित करने के निर्देश दिए।
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बगिया में खोले गए मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में लोगों की मांगों और समस्याओं का सामाधान का क्रम सतत रूप से जारी है। कैंप कार्यालय के निर्देश पर समस्या आने पर तत्काल ट्रांसफार्मर लगाने, ग्रिप चेंज, लाईन सुधारने का कार्य किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।
इसी कड़ी में कांसाबेल विकास खंड के टागरगांव और रायकेरा के कोल्ड स्टोरेज के पास ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही थी। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के निर्देश पर तत्काल यहां पर ट्रांसफार्मर लगाया गया है, जिससे बिजली आपूर्ति पुनः बहाल हो गई है। ग्रामीणों ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जशपुर क्षेत्र में हाथियों से सुरक्षित रहने के लिए जन-जागरूकता चलाने के निर्देश दिए हैं। और प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा देने के लिए कहा है। वन विभाग के वन मंडलाधिकारी ने बताया कि विगत दिवस 26 सितंबर 24 की सुबह 06.30 बजे श्री इसहाक तिग्गा पिता स्व पीयूष तिग्गा उम्र 46 वर्ष ग्राम उच्चडीह मरियमटोली थाना जशपुर को झारखण्ड से अकस्मात आये जंगली हाथी से राजस्व वन क्षेत्र में आमना सामना होने से दुःखद निधन हो गया। जन प्रतिनिधि, जिला प्रशासन व वन विभाग की तत्परता एवं संवेदनशीलता से प्रकरण में तत्काल कार्यवाही करते हुए जनहानि की राशि ₹ 6.00 लाख मृतक की पत्नी श्रीमती सुनीता तिग्गा को एक दिवस में ही दिनांक 27-09-24 को स्वीकृत करते हुए प्रदान की गई।
वन विभाग के द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को विशेष ध्यान रखने हेतु लगातार अपील की जा रही है, ताकि किसी प्रकार की जन-धन हानि से बचा जा सके।