बैकुण्ठपुर मुख्यालय में एक-से-एक करिश्मा देखने को मिलता है, जिसमें वन विभाग के रेंजरों व नयी पीढ़ी के पत्रकारों के बीच दोस्ताना अलग ही देखने को मिल रहा। जानकार सूत्र बताते है कि, एक डिप्टी रेंजर बैकुण्ठपुर मुख्यालय में चार जमीन अपने माँ और पत्नी के नाम खरीदा हुआ है। सोचने वाली बात है कि, यह चार करोड़ रूपये आया कहां से ? क्या पत्नी कलेक्टर थी या कोई आॅफिसर ?
बता दें कि, डिप्टी रेंजर मुख्यालय में सुर्खियों पर छाये हुए है जिनके आगे-पीछे नयी पीढ़ी के पत्रकार भी चलते नजर आते है। बताया जाता है कि, नयी पीढ़ी के पत्रकारों में ऐसे-ऐसे सदस्य लोग जुड़े हुए है जो डिप्टी रेंजर के परिवार से आते है। यह संबंध कब तब चलेगा और कब तक डिप्टी रेंजर सर्विस करते रहेगें ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ नयी पीढ़ी के पत्रकार तो ऐसे चैनल बदलते है जैसे की कोई लिबास हो। बताया जाता है कि, डिप्टी रेंजर ऐसे-ऐसे कर्म किये हुए रहते है जिससे इनकी इतनी हिम्मत नहीं होती की वह अकेले कही चल सके। इसलिए भय के कारण कुछ नयी पीढ़ी के पत्रकारों को अपने साथ में रखते है।
लोगों में चर्चाऐं है ये पत्रकार ऐसा कोई भी नेता/अधिकारी नहीं होगा जिससे ठगा न हो। इससे प्रतीत होता है कि, नयी पीढ़ी के पत्रकारों के पास आय से ज्यादा सम्पत्ति रेंजरों, अधिकारी व नेताओं के बदोलत अर्जित किये हुए है। जानकार सूत्र बताते है कि, पत्रकार संवादाता व प्रतिनिधि बैकुण्ठपुर मुख्यालय के है परंतु सरगुजा संभाग तक वसूली करते है। सोचने वाली बात है कि, पत्रकार है या चैनल के नाम पर वसूली गुंडा ?
लोगों में चर्चाऐं है कि, ऐसे पत्रकार विवादित विचारधारा के होते है जो कि इनका पूरा जीवन समपर्ण है। वह पत्रकार की श्रेणी में आते ही नहीं है। बता दें कि, पत्रकार चार प्रकार के होते- पत्रकार, पत्थरकार, चटोकार व कलाकार। आम जनता से अपील की जाती है कि, ऐसे श्रेणी के पत्रकारों में कौन-से पत्रकार आते है। उनका नाम व फोटा भेजा जाये, जिससे समाचार प्रकाशित होने के बाद वशिष्ठ टाइम्स कार्यालय की ओर से इनाम राशि 5001 रूपये दिया जायेगा। आगे और जानकारी क्रमशः प्रकाशित किया जायेगा।